Advertisement

सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर दिल्ली HC का ईडी को नोटिस, कहा- स्टेटस रिपोर्ट दीजिए

जैन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा कि मामले में कोई "अपराध की आय" नहीं है और यह केवल "काल्पना" पर आधारित है.  हरिहरन ने कहा “मामले में अपराध की कोई कार्यवाही नहीं है. अपराध से कोई आय उत्पन्न नहीं हुई. जहाँ तक विधेय अपराध का संबंध है, कोई विधेय अपराध नहीं किया गया था. यह सब कल्पना पर आधारित है ”.

दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन के एक मामले में जेल में बंद आप मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय का रुख जानना चाहा. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने जैन की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया और जांच एजेंसी को अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया. 

Advertisement

'मामले में कोई अपराध की आय नहीं'

जैन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा कि मामले में कोई "अपराध की आय" नहीं है और यह केवल "काल्पना" पर आधारित है.  हरिहरन ने कहा “मामले में अपराध की कोई कार्यवाही नहीं है. अपराध से कोई आय उत्पन्न नहीं हुई. जहाँ तक विधेय अपराध का संबंध है, कोई विधेय अपराध नहीं किया गया था. यह सब कल्पना पर आधारित है ”. इधर, ईडी की ओर से पेश अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने जमानत याचिका के जवाब में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा है.

'कैद जारी रखने की जरूरत नहीं'

जैन ने 30 सितंबर, 2017 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज ईडी के मामले के संबंध में जमानत मांगी है और अपनी याचिका में कहा है कि वह न तो गवाहों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं, न भाग निकलने की और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की स्थिति में हैं.  इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि जैसा कि चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है, वर्तमान मामले में उनकी क़ैद जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं है.         

Advertisement

'सीबीआई की जमानत का कोई दुरुपयोग नहीं किया'

जैन ने ट्रायल कोर्ट के 17 नवंबर के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिका इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि वह अपराध की आय को छिपाने में प्राइम फेसिया शामिल थे. याचिका में तर्क दिया गया है “वह पहले से ही चार महीने से अधिक समय से जेल में है. वह पहले से ही सीबीआई मामले में जमानत पर है. उन्होंने सीबीआई मामले में दी गई जमानत का कोई दुरुपयोग नहीं किया. इसलिए, आवेदक नियमित जमानत के लंबित मुकदमे का हकदार है. ” अपनी याचिका में आप नेता ने दावा किया है कि चूंकि उनके पास कोई आय नहीं है, इसलिए पीएमएलए के तहत कोई अपराध नहीं बनता है.

'अकोमोडेशन एंट्रीज के आधार पर अपराध की आय की पहचान'

याचिका में यह भी दावा किया गया है कि विशेष न्यायाधीश और ईडी ने केवल अकोमोडेशन एंट्रीज के आधार पर अपराध की आय की पहचान करके पीएमएलए को गंभीर रूप से गलत तरीके से पढ़ा और गलत तरीके से लागू किया है. इसमें कहा गया है कि पीएमएलए के तहत अपराध की आय को अनुसूचित आपराधिक गतिविधि के परिणामस्वरूप प्राप्त किया जाना है. ईडी द्वारा 30 मई को गिरफ्तार किए गए जैन फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. इससे पहले उन्हें सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत दी गई थी.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement