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MPs और MLAs के खिलाफ दर्ज मामलों को निपटाने के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन

इस कोर्ट को बनाने का मकसद साफ है, सांसदों और विधायकों से जुड़े मामले की सुनवाई साल भर के भीतर हो, जिससे कोर्ट जल्द से जल्द अपना फैसला सुना सके. इस कोर्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर किया गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट
अजीत तिवारी/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:18 AM IST

सांसदों और विधायकों से जुड़े हुए केसों की स्पीडी ट्रायल के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट में स्पेशल कोर्ट का गठन किया है. यह कोर्ट 1 मार्च से अपना काम करना शुरू कर देगी. इसमें स्पेशल सीबीआई जज अरविंद कुमार और चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल को नियुक्त किया गया है.

इस कोर्ट को बनाने का मकसद साफ है, सांसदों और विधायकों से जुड़े मामले की सुनवाई साल भर के भीतर हो, जिससे कोर्ट जल्द से जल्द अपना फैसला सुना सके. इस कोर्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 1 नवंबर 2017 को यह आदेश दिया था कि एक केंद्रीय स्कीम के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जाए, जहां पर सिर्फ सांसदों और विधायकों के क्रिमिनल केस की सुनवाई हो.

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह निर्देश दे दिया था कि कोर्ट को गठित करने के लिए फंड भी मुहैया कराया जाए. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने हलफनामे में कहा था कि 1 साल के भीतर वह ऐसी 12 स्पेशल कोर्ट बनवा देगी.

उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली में इस स्पेशल कोर्ट के बनने के बाद अपराधों में नामजद विधायक और सांसद के मामलों से जुड़े सुनवाई जल्द से जल्द हो पाएगी और कोर्ट का फैसला भी समय पर आ जाएगा.

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