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अमेजन vs फ्यूचर ग्रुप: दिल्ली HC ने अमेजन का दखल रोकने की मांग वाली याचिका खारिज की

सिंगापुर की कोर्ट के रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील पर रोक के फैसले के खिलाफ फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था. हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को सुनवाई योग्य माना है और प्रथम दृष्टया फ्यूचर ग्रुप की रिलायंस के साथ सौदे को सही माना है.

दिल्ली हाईकोर्ट.(फाइल फोटो) दिल्ली हाईकोर्ट.(फाइल फोटो)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:20 PM IST
  • रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त में 24,713 करोड़ रुपए का सौदा हुआ था
  • कोर्ट ने अमेजन को दखल देने से रोकने की मांग वाली याचिका खारिज की

दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें अमेजन को दखल देने से रोकने की अपील की गई थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में सेबी और बीएसई को कहा है कि वो क़ानून के हिसाब से अपना काम करने को स्वतंत्र है लेकिन अमेज़न को अथॉरिटीज को कोई एक्शन लेने के लिए पत्र लिखने के लिए नहीं रोका जा सकता, अमेज़न किसी भी अथॉरिटी को पत्र लिखने के लिए स्वतंत्र है.

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दरअसल, सिंगापुर की कोर्ट के रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील पर रोक के फैसले के खिलाफ फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था. हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को सुनवाई योग्य माना है और प्रथम दृष्टया फ्यूचर ग्रुप की रिलायंस के साथ सौदे को सही माना है. फ्यूचर रिटेल ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर राहत की मांग की थी. फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली हाई कोर्ट में गुहार लगाई कि अमेजन के इस सौदे में हस्तक्षेप पर रोक लगाई जाए.

रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त में 24,713 करोड़ रुपए का सौदा हुआ था, इसके तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा जाएगा. लेकिन अमेज़न को इस सौदे को लेकर आपत्ति थी. इसलिए अमेजन ने सिंगापुर की कोर्ट में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप को लेकर याचिका दाख़िल की थी.

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सिंगापुर कोर्ट ने क्या कहा

अमेजन ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत में इस सौदे को चुनौती दी जिस पर सिंगापुर की अदालत ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप सौदे पर अस्थायी रोक लगा दी थी. सिंगापुर कोर्ट ने कहा कि अंतिम फैसला आने तक इस डील पर आगे ना बढ़ा जाए. फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा था कि अगर अमेजन कोई कोर्ट केस फाइल करता है तो किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप की सुनवाई किए बिना कोई ऑर्डर पास ना किया जाए. साथ ही अमेजन को भी कोई तत्काल राहत न दी जाए.

अमेजन के रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के सौदे के विरोध का कारण है कि अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके लिए अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपए का पेमेंट भी किया था. इस डील में शर्त थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा. अमेजन के मुताबिक, इस डील में एक शर्त यह भी थी कि फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेचेगा.

इसलिए अब अमेजन फ्यूचर ग्रुप के रिटेल असेट्स रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने पर आपत्ति जता रहा है.जबकि फ्यूचर ग्रुप का कहना है कि यह सौदा भारतीय कानूनों के तहत हुआ है. भारत में ऑनलाइन रिटेल बाजार पर अमेजन और फ्लिपकार्ट लीड कर रहे है. अगर रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप का ये सौदा आगे बढ़ता है तो अमेजन को इससे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा.

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