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दिल्ली-NCR में कोरोना और प्रदूषण के डबल अटैक से कैसे बचें, एक्सपर्ट्स से जानिए

दिल्ली-एनसीआर में कोरोना और प्रदूषण के डबल अटैक से बचने के उपाय पर 'आजतक' ने पर्यावरण एक्सपर्ट और स्वास्थ्य एक्सपर्ट से खास बातचीत की है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 5:17 AM IST
  • कोरोना संग मिलकर प्रदूषण एक खतरनाक कॉकटेल बना सकता है
  • एक्सपर्ट्स से जानिए कि कोरोना और प्रदूषण के डबल अटैक से कैसे बचें

देश की राजधानी में सर्दियों के मौसम में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार विंटर एक्शन प्लान लागू करने जा रही है. इस बीच दिल्ली-एनसीआर में कोरोना और प्रदूषण के डबल अटैक से बचने के उपाय पर 'आजतक' ने पर्यावरण एक्सपर्ट और स्वास्थ्य एक्सपर्ट से खास बातचीत की है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना के साथ मिलकर प्रदूषण एक खतरनाक कॉकटेल बना सकता है. 

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पर्यावरण मामलों के एक्सपर्ट विक्रांत तोंगड़ ने सर्दी के मौसम में प्रदूषण से निपटने के 5 उपाय बताए हैं :

1. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटना को कंट्रोल किया जाना चाहिए. वायु में प्रदूषण बढ़ाने में पराली जलने बड़ा योगदान है. किसानों को पराली के निस्तारण के लिए पर्याप्त फंड न मिल पाना भी एक समस्या है. 

2. दिल्ली-एनसीआर में वाहनों का प्रदूषण बहुत अधिक होता है, इसे नियंत्रित करने के लिए ऑड इवन लागू करना,  या संभव हो तो मेट्रो को फ्री करना चाहिए ताकि लोग प्राइवेट वाहनों को छोड़कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करें इससे वायु प्रदूषण में गिरावट आएगी. 

3. दिल्ली से सटे, नोएडा ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद इंडस्ट्रियल हब हैं. यहां फेक्ट्री धुआं उगल रही हैं, ईंट भट्टे चल रहे हैं, टायर जलाने वालीं फैक्ट्रियां हैं और इंडस्ट्रियल प्रदूषण बहुत होता है. इंडस्ट्रियल प्रदूषण पर लगाम लगाने की ज़रूरत है वरना प्रदूषण की मार से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा.

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4. दिल्ली-एनसीआर में वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर खास कदम नहीं उठाए गए हैं. कूड़े को जलाकर ख़त्म किया जाता है जबकि कूड़े के बड़े बड़े पहाड़ विकसित हो गए हैं. अक्सर यहां कूड़ा जलाने से फैलने वाले प्रदूषण को नियंत्रण करने की ज़रूरत है. यह प्रदूषण के स्तर को बढ़ा देता है. 

5. निर्माण स्थलों पर बढ़ रहे धूल प्रदूषण को रोकना बेहद जरूरी है. दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और गाज़ियाबाद में बड़े बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. धूल प्रदूषण के पीछे एक बड़ा योगदान निर्माण स्थलों का होता है. निर्माण स्थलों पर होने वाले प्रदूषण को फैलने से रोकने की ज़रूरत है. लोकल एजेंसी को साल भर काम करना चाहिए, और कोर्ट द्वारा दिए आदेशों को सख़्ती से लागू करना चाहिए. 

दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अरुण गुप्ता ने सर्दी के मौसम में कोरोना और प्रदूषण से बचने के लिए इन 5 अहम उपायों को आजमाने की सलाह दी है : 

1. कोरोना और प्रदूषण से बचने का सबसे ज़रूरी उपाय मास्क ही है क्योंकि इसके डबल फायदे हैं. लोगों को अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क पहनना चाहिए. अगर प्रदूषण से बचना चाहते हैं तो N95 मास्क पहन सकते हैं, अच्छी बात ये है कि यही मास्क कोरोना से भी बचाएगा.

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2. त्योहारी सीजन के चलते बाज़ारों में भीड़ हो रही है. अगर संभव हो तो भीड़ वाली जगहों पर न जाएं क्योंकि सर्दियों के मौसम में वायरल फीवर भी बहुत फैलता है. अहम बात ये है कि वायरल फीवर, कोरोना वायरस और प्रदूषण तीनों ही लंग्स पर अटैक करते हैं. इसलिए भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और घर पर रहने की कोशिश करें.

3. घर पर अगर बच्चे और बुजुर्ग हैं तो खास तौर पर प्रदूषण स्तर की जांच लगातार करते रहें. अगर बच्चे खेलने जाना चाहते हैं या बुजुर्ग पार्क में वॉक करना चाहते हैं तो जिस दिन प्रदूषण का स्तर अधिक हो उस दिन आउटडोर एक्टिविटी से बचना चाहिए.

4. उन्होंने कहा कि सर्दियों के मौसम में हवा की गति धीमी हो जाती है और हवा में प्रदूषण बहुत बढ़ जाता है. प्रदूषण में एक बड़ा रोल प्राइवेट वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण का भी होता है. ऐसे में जब कोरोना से हालात बेहतर हैं तो कोविड नियमों का पालन करते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस या मेट्रो का इस्तेमाल करना चाहिए और प्राइवेट वाहनों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.

5. इसके अलावा, सर्दियों के मौसम में पेड़ के पत्ते या लकड़ियां जलाने से बचना चाहिए. साथ ही घर के आसपास निर्माण कार्य चल रहा है तो सावधानी बरतना ज़रूरी है क्योंकि ऐसी जगहों पर ही धूल प्रदूषण होता है.

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