
दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को 2 हफ्ते में प्लेसमेंट एजेंसियों का रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया है. कोर्ट चाहता है कि प्लेसमेंट एजेंसियों पर कड़ी नजर रखी जाए, बल्कि इनको दुरुस्त करने के लिए इन पर सरकार का नियंत्रण भी हो. दरअसल बच्चों और महिलाओं की तस्करी रोकने के लिए एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को ये निर्देश दिया है.
2 हफ्ते में सरकार को एक अपनी रिपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट को देनी होगी जिसपर आगे की सुनवाई अब 20 सितंबर को होगी. प्लेसमेंट एजेंसीज के लिए यूं तो कोर्ट पहले ही कई आदेशों में साफ कर चुका है इनके लिए क्या गाइडलाइंस होनी चाहिए और इनका रजिस्ट्रेशन कितना जरूरी है. लेकिन कोर्ट के दिए आदेशों का सख्ती से पालन दिल्ली में अभी भी नहीं हो पा रहा है.
बचपन बचाओ आंदोलन की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि 3 साल पहले दिल्ली हाईकोर्ट में इस पर अपना विस्तृत आदेश दे दिया था जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार के अधिकारी दिल्ली की सभी प्लेसमेंट एजेंसी का रजिस्ट्रेशन करेंगे. लेकिन उसके बावजूद अभी भी प्लेसमेंट एजेंसीज का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है, क्योंकि अधिकारी इस काम में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं.
एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि इस तरह से दिल्ली सरकार के अधीन अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चलाया जाए. हाल ही में देखा गया है कि कम उम्र की लड़कियों और बच्चों की तस्करी राजधानी दिल्ली में बढ़ी है.
बिहार, झारखंड, असम, बंगाल और यूपी के इलाकों से कम उम्र की लड़कियों को दिल्ली लाया जाता है और इसके बाद इनकी खरीद-फरोख्त होती है, जिसके बाद उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेज दिया जाता है. कई बार दिल्ली से लड़कियों को दूसरे देश भी रवाना कर दिया जाता है. हाल ही में नेपाल से लाई गईं कई लड़कियों को दिल्ली पुलिस ने छापा मारकर छुड़ाया था.