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आशा किरण में दो महीनों के अंदर 11 लोगों की मौत को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि वो इस तरह लगातार हुई मौतों का कारण बताए और साथ ही जवाब दे कि अब तक सरकार ने इस पर क्या किया है.
अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी
समाज कल्याण विभाग की तरफ से रोहिणी में चल रहे मंदबुद्धि विकास गृह आशा किरण में दो महीने के अंदर 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें बच्चे और व्यस्क शामिल हैं. इस मामले की अगली सुनवाई हाई कोर्ट 19 अप्रैल को करेगा.
वर्ष 2001 से 250 लोग गायब
हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है कि वर्ष 2001 से अब तक आशा किरण से 250 से ज्यादा लोग गायब हो चुके हैं. इसकी जांच की जाए कि वो कैसे और क्यों गायब हुए. 2005 से अब तक करीब 11 वर्षों में 350 से ज्यादा बच्चों और व्यस्कों की मौत हो चुकी है. लिहाजा इस मामले में अभी 2 महीने के भीतर हुई 11 मौतों का कारण बताया जाए और जो लोग इसके जिम्मेदार है उनके खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज करके केस चलाया जाए.
आशा किरण प्रशासन पर सवाल
दो महीने के अंदर लगातार हुई 11 मौतों के कारण एक बार फिर आशा किरण प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं. इससे पहले भी यहां वर्ष 2009 के दिसंबर से 2010 के बीच 22 मंदबुद्धि बच्चों और व्यस्कों की मौत हो गई थी. उस समय यह मामला सुर्खियों में रहा था और दिल्ली सरकार ने तब लगातार हो रही मौत पर रोकथाम को लेकर विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाई थी.