Advertisement

दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित होंगे 40 फीसदी बेड? HC ने सरकार से मांगी रिपोर्ट

प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से लगाई गई इस याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार लगातार इस मामले को लंबा खींचने की कोशिश कर रही है और बेतुकी दलील दे रही है.

दिल्ली हाई कोर्ट (फाइल फोटो) दिल्ली हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:11 PM IST
  • 33 निजी अस्पतालों में आरक्षित हैं 80 फीसदी बेड
  • अस्पतालों की मांग- 40 फीसदी किए जाएं आरक्षित बेड
  • हाई कोर्ट 24 दिसंबर को फिर करेगा याचिका पर सुनवाई

कोरोना वायरस के मरीजों के लिए दिल्ली सरकार ने 33 निजी अस्पतालों में आईसीयू के 80 फीसदी बेड आरक्षित रखे जाने के आदेश दिए थे. निजी अस्पतालों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बेड आरक्षित रखे जाने की सीमा 80 से घटाकर 40 फीसदी करने की मांग की है. इस मामले में बुधवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि आज एक्सपर्ट कमिटी की बैठक है, जिसमें इस मुद्दे पर भी विचार किया जाना है.

Advertisement

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर दिल्ली सरकार से बैठक की रिपोर्ट रात तक देने को कहा. इस मामले में अगली सुनवाई 24 दिसंबर को होगी. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने यह भी बताया कि 21 दिसंबर को एक्सपर्ट कमेटी और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच हुई बैठक में यूके से आए नए किस्म के कोरोना वायरस को लेकर बातचीत हुई है. इससे निपटने के लिए सरकार क्या तैयारियां कर सकती है, उसको लेकर भी रूपरेखा तैयार की जा रही है. अभी इसकी समीक्षा की जा रही है.

हालांकि, प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से लगाई गई इस याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार लगातार इस मामले को लंबा खींचने की कोशिश कर रही है और बेतुकी दलील दे रही है. यूके के नए तरह के कोरोना वायरस का फिलहाल भारत में कोई असर नहीं है.

निजी अस्पतालों की तरफ से हेल्थ केयर एसोसिएशन ने कोर्ट को कहा कि दिल्ली सरकार प्राइवेट अस्पतालों के बेड को घेरकर बैठी है. प्राइवेट अस्पतालों को भी अपने नॉन कोविड मरीजों के लिए बेड की जरूरत है इसीलिए दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशन को इस मामले में रद्द किया जाना चाहिए जिसमें अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड को सरकार ने कोविड मरीजों के लिए रिजर्व कर रखा है.

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

प्राइवेट अस्पतालों की मांग है कि कोरोना के मरीजों के लिए रिजर्व बेड की संख्या घटाकर 40 फीसदी कर दी जाए. सरकार का यह तर्क है कि कई प्राइवेट अस्पतालों में 75 फीसदी तक बेड पर कोरोना के मरीज आईसीयू बेड पर है. हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बुधवार की शाम को होने वाली कमेटी की बैठक के नतीजों को लेकर दिल्ली सरकार रात तक रिपोर्ट कोर्ट में जमा करा दे. दिल्ली हाई कोर्ट 24 दिसंबर को फिर इस मामले में सुनवाई करेगा.

इससे पहले 15 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोरोना मरीजों के लिए 33 निजी अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित करने से जुड़ी याचिका पर दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि फिलहाल शादियों का सीजन है. सर्दी भी बढ़ रही है ऐसे में अगले कुछ दिनों में दिल्ली में कोरोना के मामले दोबारा बढ़ेंगे या नहीं, सरकार इस पर कोई बयान नहीं दे सकती कि कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं या नहीं.

इसलिए 15 दिसंबर को सरकार ने कहा था कि अगले 10 दिन के बाद ही वे कोर्ट को यह बता पाने की स्थिति में होंगे कि 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आगे भी आरक्षित रखे जाएं या फिर उन्हें गैर कोरोना मरीजों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement