
घर-घर जाकर कोरोना वैक्सीन लगाने और उम्र के क्राइटेरिया को खत्म करने की मांग को लेकर लगाई गई जनहित याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यह याचिका पब्लिसिटी पाने के लिए लगाई .जबकि याचिकाकर्ता को वैक्सीनेशन और फिलहाल की परिस्थितियों को लेकर कोई गंभीर जानकारी है ही नहीं. याचिकाकर्ता के पास वैक्सीन को लेकर कोई पर्याप्त डाटा नहीं है, और ना ही याचिकाकर्ता ने याचिका दाखिल करने से पहले इस पर कोई होमवर्क किया.
याचिका कानून के एक छात्र मृगांक मिश्रा के द्वारा लगाई गई थी जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि लगता है लॉ कॉलेज छात्रों को इतना काम नहीं दे पा रहे हैं कि वह बिजी रहे. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि लॉ कर रहे छात्र के पिता क्या करते हैं जिससे हमें अंदाजा लगा सके कि उस पर कितना जुर्माना लगाया जाए. याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अपनी याचिका वापस ले रहे हैं.
कानून के छात्र मृगांक मिश्रा की तरफ से वक़ील कुशल कुमार ने ये याचिका लगाई है. इसमें यह भी मांग की गई है कि वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकारों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों को भी प्राइवेट कंपनियों से वैक्सीनेशन लेने की इजाजत दी जानी चाहिये. इससे सीधे-सीधे दो फायदे होंगे एक तो वैक्सीनेशन कम से कम वक्त में ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिया जा सकेगा और दूसरा केंद्र के स्तर पर राज्यों को पूरी वैक्सीन न मिलने की जो कमी दिख रही है उसको प्राइवेट कंपनियों के वैक्सीन लेने से पूरा किया जा सकता है.
याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार की तरफ से तय किए गए उम्र के क्राइटेरिया को भी दिल्ली में हटाया जाना चाहिए. याचिका में मांग की गई है किस को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को दिशा निर्देश जारी करें. याचिका में खासतौर से कहा गया था कि दिल्ली में जिस तरह से हर रोज करोना के मामलों में इजाफा हो रहा है उसे देखते हुए वैक्सीनेशन ड्राइव को तेज़ करने की सख़्त जरूरत है.
याचिकाकर्ता का कहना था कि आरडब्लूए और कुछ एनजीओ की मदद से सोसाइटी में एक डॉक्टर और नर्स बैठा कर वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेजी लाई जा सकती है. इससे ना सिर्फ ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन कम वक्त में हो पाएगा बल्कि लगातार दिल्ली में बढ़ रहे कोविड-19 के केस पर लगाम लगाना आसान होगा. इस याचिका में कहा गया है कि आम नागरिकों की सुरक्षा और कोरोना से बचाव सरकारों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.