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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विदेश (सिंगापुर) जाने के मामले में हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की और केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में जवाब मांगा था. इस मामले में अब अगली सुनवाई 23 जनवरी 2023 को होगी.
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पिछले महीने सिंगापुर का दौरा था. AAP का कहना था कि केंद्र सरकार से क्लीयरेंस मिलने में देरी होने की वजह से केजरीवाल विदेश नहीं जा सके. उन्हें सिंगापुर में एक मेयर्स की सम्मिट में शामिल होना था और दिल्ली के विकास कार्यों से जुड़ा प्रजेंटेशन देना था.
मंत्री कैलाश गहलोत ने दायर की है याचिका
इस संबंध में आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार को घेरा था. बाद में दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की तरफ से दिल्ली हाईकोई में याचिका दायर की गई थी. सोमवार को इस मामले में एक बार फिर सुनवाई हुई और हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को नोटिस जारी किया है.
8 हफ्ते के अंदर मांगा गया है जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में कैबिनेट सचिव, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के माध्यम से LG वीके सक्सेना से जवाब मांगा है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने याचिका पर 8 हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
पीएमओ को नोटिस देने से इंकार
वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी, 2023 को होगी. याचिका में राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की विदेश यात्रा के लिए केंद्र से राजनीतिक मंजूरी लेने को चुनौती दी थी.
विदेश यात्रा को लेकर गाइड लाइन बनाने की मांग
दाखिल याचिका में कहा गया था कि मुख्यमंत्री के विदेश जाने को लेकर एक गाइड लाइन बनाई जाए. याचिका में ये भी कहा था कि LG के द्वारा अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर भेजने की इजाजत ना देना तर्कसंगत नहीं है. सबसे पहले कोर्ट ने गहलोत के वकील से मामले में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था. उसके बाद मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त रखी गई थी. वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंह ने कहा था कि कोर्ट इस तरह का निर्देश जारी कर सकता है. उन्होंने व्यक्तिगत यात्राओं के साथ सरकारी यात्रा के लिए भी निर्देश जारी करने की मांग की है.