
दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को 4 नए जजों को दिल्ली के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन ने शपथ दिलाई. इस चारों जजों के शपथ लेने के साथ ही अब दिल्ली हाईकोर्ट में कुल जजों की संख्या 38 हो गई है. अभी ये सभी जज डबल बेंच में किसी और जज के साथ ही काम करेंगे.
कानून मंत्रालय की तरफ से इस नियुक्ति को लेकर 15 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें कानून मंत्रालय ने बताया था कि दिल्ली हाई कोर्ट में चार वरिष्ठ वकीलों को बतौर जज नियुक्त किया जा रहा है.
दिल्ली हाई कोर्ट में जिन 4 नए जजों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है उनके नाम हैं ज्योति सिंह, प्रतीक जालान, अनूप जयराम बंबानी और संजीव नरूला. सभी नियुक्तियां राष्ट्रपति की ओर से की गई हैं जिसके बाद कानून मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी. दिल्ली हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन ने राष्ट्रपति का नोट पढ़कर इन सभी को हाइकोर्ट जज के रूप में शपथ दिलाई.
हालांकि नए जजों की नियुक्ति के मामले में कुछ विवाद भी देखने को मिले. केंद्र सरकार ने एडवोकेट मनोज कुमार ओहरी के नाम को वापस भेज दिया. सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की तरफ से शपथ लेने वाले चार जजों के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज कुमार ओहरी का नाम भी भेजा गया था लेकिन केंद्र ने उसको क्यों वापस किया है इसका कारण साफ नहीं है. केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को मनोज कुमार ओहरी के नाम पर दोबारा विचार करने के लिए कहा गया.
दिल्ली हाई कोर्ट में भले ही कुल जजों की संख्या 38 हो गई हो लेकिन असल में दिल्ली हाई कोर्ट में 70 जजों की नियुक्ति होनी चाहिए. फिलहाल हाई कोर्ट में जजों की यह संख्या लगभग आधी से कुछ ही ऊपर है. ऐसे में चार और नए जजों की नियुक्ति निश्चित रूप से लंबित मामलों के जल्द निपटारे में अपनी अहम भूमिका निभाएंगी. दिल्ली हाइकोर्ट में इस वक्त तकरीबन 70 हजार मामले लंबित हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने के लिए हाल ही में जून में एक चार मंजिला नई इमारत भी तैयार की है जिसमें तकरीबन 2 दर्जन नए जजों को बिठाया जा सकता है. कुछ वक्त पहले ही चार और जजों की नियुक्ति भी दिल्ली हाई कोर्ट में की गई है. साल भर के भीतर ही दिल्ली हाई कोर्ट को 8 नए जज मिल गए हैं लेकिन साल भर में करीब आधा दर्जन जज दिल्ली हाईकोर्ट से रिटायर भी हुए हैं. यानी अभी भी नए जजों की नियुक्ति का दिल्ली हाई कोर्ट को इंतजार है.