
दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के दोबारा चुनाव पर दिल्ली हाई कोर्ट की रोक को आम आदमी पार्टी ने अपनी जीत बताया है. AAP ने ये भी दावा किया कि कोर्ट द्वारा मामले की जांच किए जाने तक मेयर ही निगम को चलाएंगी. वहीं सिविक सेंटर में AAP-BJP पार्षदों के बीच हुए हंगामे को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से मामला दर्ज कर लिया गया है.
दिल्ली पुलिस ने AAP और BJP के पार्षदों के बीच हुई हाथापाई और मारपीट को लेकर आईपीसी की धारा 160 के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. इसकी जांच में जुट गई है. बता दें कि मामला दर्ज करने के लिए दोनों दलों ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी. वहीं मामला कोर्ट में पहुंचने को लेकर आप की ओर से दावा किया गया कि अब एमसीडी की बागडोर मेयर और डिप्टी मेयर तबतक संभालेंगे, जबतक कि हाई कोर्ट इस मामले में सुनवाई करता है और ये सुनिश्चित करता है कि सदन बिना किसी बाधा के चले.
हाई कोर्ट के फैसले को AAP ने बताई जीत
हाई कोर्ट के फैसले पर मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि यह फैसला उनकी और आम आदमी पार्टी की निजी जीत है. उन्होंने कहा कि सभी ने देखा कि शुक्रवार को स्थायी समिति के नतीजे घोषित होने से ठीक पहले कैसे भाजपा पार्षदों ने सुनियोजित तरीके से उन पर और आप पार्षदों पर व्यक्तिगत हमले किए.
आप विधायक आतिशी ने भी कहा कि अदालत का आदेश पार्टी की जीत है क्योंकि भाजपा उम्मीद कर रही थी कि हाई कोर्ट वोटों की गिनती के संबंध में पार्टी की एक अवैध मांग का समर्थन करेगा, लेकिन अदालत ने उनकी असंवैधानिक और अवैध मांग को मानने से इनकार कर दिया.
बीजेपी को कोर्ट से लगा झटका: आतिशी
आतिशी ने कहा, "बीजेपी ने इस इच्छा के साथ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि अदालत उनकी मांग को स्वीकार करे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अदालत ने कहा कि वह इस मामले की जांच करेगी और देखेगी कि भारत का संविधान मेयर और नगरपालिका सचिव को क्या अधिकार देता है." उन्होंने बताया कि पहले दिन से ही आप ने कहा था कि बीजेपी को संविधान के कानूनों का पालन करने की जरूरत है और वह जो चाहती है वह नहीं कर सकती.
बता दें कि स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के बाद जब वोटों की गिनती की बारी आई तो दोनों पक्षों के पार्षदों के बीच हिंसक झड़प होते ही हंगामा हो गया था, जिसके बाद सदन को स्थगित कर दिया गया.
एमसीडी को चलाएंगी मेयर: आतिशी
आतिशी ने कहा, "डीएमसी अधिनियम में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मेयर पीठासीन अधिकारी हैं और उनके पास यह तय करने की शक्ति है कि कौन सा वोट वैध है और कौन सा वोट अमान्य है." बीजेपी पार्षदों द्वारा किए गए पूरे हंगामे के बाद जब वे मतपेटी चुराकर भाग गए, मेयर के पास स्थायी समिति के सदस्यों के लिए हुई मतदान प्रक्रिया के परिणाम घोषित करने का कोई आधार नहीं है. आतिशी ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले से आम आदमी पार्टी बहुत खुश है. उन्होंने कहा, "चुनाव किसी भी तारीख को होंगे, वे डीएमसी अधिनियम के नियमों के अनुसार होंगे और आप खुश है कि चुनाव उच्च न्यायालय की निगरानी में होंगे."