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दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगवाने और रखरखाव को लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नए आदेश जारी किए हैं. दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि पूरे शहर में 4388 संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं लेकिन उसमें से सिर्फ 2919 सीसीटीवी कैमरे ही काम कर रहे हैं जबकि बाकी के खराब कैमरों की मरम्मत का काम अभी चल रहा है.
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की बेंच ने दिल्ली पुलिस के वकील से कहा कि वह खराब कैमरों की मरम्मत या तो जल्द पूरा कराए या फिर उसे बदल दे. कोर्ट ने कहा कि सरकार खराब कैमरों की मरम्मत करा रही है और अब इस पर सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है.
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दिल्ली सरकार ने महिला सुरक्षा से जुड़ी एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान 15 फरवरी को कोर्ट को बताया था कि सभी थाने और पुलिस चौकियों में एक महीने के भीतर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएंगे. वहीं राजधानी दिल्ली के सभी संवेदनशील इलकों में साल के भीतर कैमरे लगा दिए जाएंगे. सरकार की तरफ से यह भी बताया गया था कि सभी कैमरे अत्याधुनिक होंगे जो किसी भी परिस्थिति में काम करेंगे. हालांकि कोर्ट ने पहले ही दिल्ली सरकार को कैमरे की गुणवत्ता का खयाल रखने की बात कही थी.कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के साथ-साथ संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी थाने और चौकियों में कैमरा लगाया जाना सुनिश्चित करें. कैमरे काम करते रहें इसे लेकर भी नियमित निगरानी करते रहें. निगरानी का काम भी किसी स्वतंत्र निकाय जैसे सीआईएसएफ जैसी एजेंसी को दिए जाने की बात भी कोर्ट ने कही.
बता दें कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को पहले निर्देश दिए थे कि वे अपनी अध्यक्षता में संबंधित निकायों और एजेंसियों के साथ बैठक करें और सभी जगहों पर स्ट्रीट लाइट लगवाया जाना सुनिश्चित करांए. साथ ही स्ट्रीट लाइट के खराब होने पर कौन अधिकारी उसको ठीक करवाएगा, ये तय करने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए.
वहीं सरकार ने कहा था कि दिल्ली की संवेदनशील जगहों पर 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे साल के अंत तक लगा दिए जाएंगे. साथ ही सभी कैमरे केंद्रीकृत सेंटर से जुड़े होंगे. जिससे कोर्ट चाहे तो सभी की जांच वकील को कोर्ट आयुक्त बनाकर करवा सकता है. इसी से कोर्ट को पता चला कि 4388 सीसीटीवी कैमरों में से फिलहाल 2919 कैमरे ही काम कर रहे हैं.