
दिल्ली हाई कोर्ट ने घर वालों की मर्जी के खिलाफ विवाह करने वाले जोड़े को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अमित शर्मा की पीठ ने मायके वालों के दबाव में घर में बंद कर रखी गई युवती से बातचीत करने के बाद ये आदेश दिया है.
पीड़ित युवती ने दिल्ली के द्वारका में 6 सितंबर को अपने प्रेमी से विवाह किया था. बेटी की शादी से गुस्साए युवती के पिता और उसके कई चचेरे भाई उसे घर से उठाकर ले गए थे. जिसके बाद उसके पति ने दिल्ली हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका यानी हेबियस कॉर्पस लगाकर अपनी पत्नी की बरामदगी की गुहार लगाई. हाई कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस युवती को लेकर आई.
कोर्ट ने पुलिस को दिया दंपति की सुरक्षा का आदेश
कोर्ट में युवती ने साफ कहा कि उसके पिता और भाई उसे राजस्थान के सीकर जिले में लेकर गए थे, जहां उसे प्रताड़ित किया गया. वो अपने पति के साथ उसके ही घर में रहना चाहती है, लेकिन उसके मायके वाले लगातार धमका रहे हैं. इसलिए दंपति को सुरक्षा प्रदान की जाए.
कोर्ट ने परिवार वालों को दी हिदायत
हाई कोर्ट की पीठ ने इसकी इजाजत देते हुए कहा कि युवती अपने मर्जी से पति के साथ रहने के लिए आजाद है. नवविवाहित युगल की जिंदगी में कोई परेशानी न आए, इसके लिए उन्हें समुचित सुरक्षा मुहैया कराई जाए. कोर्ट ने युवती के परिवार वालों को इस विवाहित जोड़े के जीवन में किसी तरह की परेशानी खड़ी ना करने की हिदायत दी है.