
राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया को रोकने के लिए स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहे हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार, तीनों नगर निगम समेत बाकी की सिविक एजेंसियों को एक बार फिर आड़े हाथों लिया है. कोर्ट ने डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए बिना कुछ ठोस कार्रवाई किए बगैर नेशनल डेंगू डे (16 मई को नेशनल डेंगू डे मनाया जाता है) मनाने पर सिविक एजेंसियों पर अपनी नाराजगी जाहिर की.
हाइकोर्ट ने कहा कि किसी भी एजेंसी ने अब तक डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए कोई वैज्ञानिक समाधान ढूंढने की जहमत ही नहीं उठाई है. इतना ही नहीं निगम अधिकारियों के पास कोई मानचित्र भी नहीं है कि पिछले साल कहां-कहां ये बीमारियां फैली थीं और इस बार कहां कीटनाशक का छिड़काव करना जरूरी है. कोर्ट ने पूछा कि ये बीमारियां कहां और कैसे फैल रही हैं ही नहीं पता तो वे कैसे समाधान करेंगे. नाराज कोर्ट ने कहा कि एजेंसियां केवल कागजों पर काम कर रहीं हैं. दिल्ली में गंदे पानी की निकासी के पर्याप्त साधन नहीं हैं.
हाइकोर्ट ने तीनों नगर निगमों को इन बीमारियों से प्रभावित इलाकों के भौगोलिक मानचित्र पेश करने के निर्देश दिए हैं. हाइकोर्ट ने कहा कि निगम अधिकारी मानचित्र के मुताबिक बचाव के लिए किए गए अब तक के उपायों का ब्यौरा भी दें. हाइकोर्ट ने पूछा कि राजधानी में 1.2 लाख लोगों के घर पर इन बीमारियों का लार्वा मिला था. ऐसे में निगम अधिकारी बताएं कि क्या किसी एक के खिलाफ भी कोई कार्रवाई की गई. सिविक एजेंसियों ने अभी तक फॉगिंग और लार्वा जांच करने जैसे मूलभूत कदम भी नहीं उठाए हैं. किसी भी एजेंसी ने अभी तक कहां-कहां फॉगिंग हुई है की जानकारी कोर्ट को नहीं दी है.
हाईकोर्ट ने सिविक एजेंसियों से कहा कि वे डेंगू-चिकनगुनिया के कारण, रोकथाम और उपाय को लेकर विज्ञापन जारी करें. लोगों को इस बारे में जागरूक करें. कोर्ट ने इस सीजन में अब तक एक भी टीवी विज्ञापन टीवी नहीं देखा. सुनवाई के दौरान दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने कहा कि वैसे राजधानी में जुलाई से दिसंबर के बीच यह बीमारियां पनपती हैं. हालांकि इस वर्ष अब तक उनके इलाके में डेंगू के 30 और चिकनगुनिया के 80 मामले सामने आ चुके हैं.
गौरतलब है कि 2016 तक राजधानी में डेंगू से चार लोगों की मौत हुई थी. यहां डेंगू के 1158 व चिकनगुनिया 9661 के मामले सामने आए थे. हाइकोर्ट दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया को रोकने में सरकार की असफलता को लेकर दायर अलग-अलग दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. वकील गौरी ग्रोवर और अर्पित भार्गव द्वारा दायर याचिका में एक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है. इस याचिका का पिछले साल निपटारा कर दिया था, लेकिन इस साल इन्हीं पुरानी याचिकाओं पर हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू कर दी है. अब अगली सुनवाई 22 मई को होगी.