
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व पीए विभव कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में जेल में बंद विभव कुमार की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट 12 जुलाई को फैसला सुनाएगा. दरअसल, बिभव कुमार ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को भी चुनौती दी है. 10 जुलाई बुधवार को याचिका पर सुनवाई हुई और कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना. इसके बाद कोर्ट ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया और कहा कि वह अपना फैसला शुक्रवार 12 जुलाई को सुनाएगा.
सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल के वकील ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के कुछ दिन बाद 2 क्लिप जारी की गई थीं. और कमरे में कोई और नहीं था. एक क्लिप में वह पुलिस अधिकारी से किसी तरह की बहस करती हुई दिखाई दे रही हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि आप कैसे कह सकते हैं कि इसमें (क्लिप) छेड़छाड़ की गई है? इसके जवाब में मालीवाल के वकील ने कहा कि क्योंकि क्लिप में कुछ संकेत हैं, जो दिखाते हैं कि उन्हें बदला गया है. एक दर्जन से अधिक पार्टी पदाधिकारी उनके समर्थन में सामने आए और शिकायतकर्ता को दोषी ठहराया. वकील ने स्वाति मालीवाल को भेजी जा रही धमकियों के बारे में दलीलें दीं. कोर्ट ने कहा कि अभी तक धमकियों का पता याचिकाकर्ता से नहीं लगाया जा सका है, हम समझते हैं कि इसकी जांच की जा रही है.
मेरे पूरे जीवन का काम छीन लिया: मालीवाल
स्वाति मालीवाल ने कोर्ट को संबोधित करते हुए कहा कि न केवल मेरे साथ क्रूरता से मारपीट की गई, बल्कि मेरे पूरे जीवन का काम छीन लिया गया. यह भयानक था. उसके बाद सीएम ने खुद पीए के लिए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने मुझे दूसरी पार्टी का एजेंट कहा. जब मैं डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष थी, तब हमने 170 हजार मामलों को संभाला था, मैंने इसी तरह का काम किया है.
'मैं बिना पार्टी की सांसद हूं'
उन्होंने कहा कि मुझे जिस तरह से पीड़ित के रूप में शर्मिंदा किया गया, कहा गया कि बटन नहीं खुले थे, लंगड़ा नहीं रही थी. सोशल मीडिया पर मुझे जिस तरह से ट्रोल किया गया. मुझे ऐसी बातें कही गईं, जिनके बारे में मुझे यकीन भी नहीं था कि मेरी पार्टी के लोग ऐसा कहेंगे. मेरा और मेरे परिवार का पक्ष खतरे में है. हम सभी ने हमेशा उन्हें (बिभव) रिपोर्ट किया है. पार्टी में हर कोई उन्हें रिपोर्ट करता है. मैं अब कोई नहीं हूं, मैं बिना पार्टी की सांसद हूं.
बिभव कुमार ने याचिका में अदालत से अपनी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. उन्होंने दावा किया है कि उन्हें ‘गुप्त उद्देश्य’ के तहत गिरफ्तार किया गया, जबकि उनकी अग्रिम जमानत अर्जी निचली अदालत में लंबित थी. बिभव ने इसे अपने मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कानून का उल्लंघन करार दिया है. इस बीच, न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की एक अन्य पीठ ने सोमवार को बिभव कुमार की जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए स्वाती मालीवाल के वकील को समय दिया और मामले की सुनवाई 8 जुलाई तक के लिए टाल दी.