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दिल्ली हाईकोर्ट से AAP को झटका, फौरी राहत देने से किया साफ इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) को तगड़ा झटका दिया है. विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश मामले में AAP के विधायकों को कड़ी फटकार लगाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि आप वक्त रहते चुनाव आयोग के पास नहीं गए और नोटिस का जवाब तक नहीं दिया. आप चुनाव आयोग के संपर्क में क्यों नहीं रहे?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
राम कृष्ण/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:29 PM IST

चुनाव आयोग की ओर से 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची आम आदमी पार्टी (AAP) को तगड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने AAP विधायकों को फौरी राहत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही सोमवार को सुनवाई करने का फैसला लिया है.

इस दौरान हाईकोर्ट ने AAP के विधायकों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आप वक्त रहते चुनाव आयोग के पास नहीं गए और नोटिस का जवाब तक नहीं दिया. कोर्ट ने सवाल दागा कि आखिर आप चुनाव आयोग के संपर्क में क्यों नहीं रहे? कोर्ट ने कहा कि जब आप बुलाने पर भी नहीं गए, तो अब आयोग मामले पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है.

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दरअसल, चुनाव आयोग की ओर से अयोग्य करार दिए जाने की राष्ट्रपति से सिफारिश करने के बाद AAP के छह विधायक हाईकोर्ट पहुंचे हैं. अब सोमवार को हाईकोर्ट मामले की सुनवाई करेगा. वहीं, आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के फैसले को लेकर आगे की रणनीति बनाने के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है.

AAP संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर पार्टी की उच्चस्तरीय बैठक चल रही है. इस बैठक में AAP नेता राघव चड्ढा, विधायक कमांडो सुरेंद्र, अंबेडकर नगर से विधायक अजय दत्त समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही AAP विधायकों के केजरीवाल के घर पहुंचने का सिलसिला जारी है.

इस बैठक में 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मसले पर चर्चा की जा रही है. इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिर से चुनाव होने की संभावनाओं के मद्देनजर कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. शुक्रवार को चुनाव आयोग के फैसले के बाद कांग्रेस ने अपनी तैयारियों को लेकर बैठक भी की.

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AAP ने चुनाव आयोग पर बोला हमला

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस लाभ के पद का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है. हमारे विधायकों ने सरकारी गाड़ी, सरकारी बंगला और तनख्वाह का फायदा नहीं लिया. चुनाव आयोग ने इस मामले में हमारी बात नहीं सुनी. किसी भी विधायक को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया है.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने गुजरात में पीएम मोदी के अंडर में काम किया है. अब वे पीएम मोदी का कर्ज चुका रहे हैं. 23 जनवरी को उनका जन्मदिन है और सोमवार को रिटायर हो रहे हैं. इसलिए जाने से पहले सभी काम को निपटाना चाहते हैं. सौरभ ने कहा कि सोमवार के बाद ना ही मोदी जी और ना ही ब्रह्मा जी एके ज्योति को मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रख सकते हैं.

शिकायताकर्ता ने कहा- AAP विधायकों की रद्द होगी सदस्यता

मामले में शिकायत करने वाले प्रशांत पटेल ने कहा कि यह पूरी तरह से साफ है, आम आदमी पार्टी के इन 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाएगी. उन्होंने कहा, "मैंने यह मामला साल 2015 में उठाया था. पूरे केस को देखने पर लगता है कि इन विधायकों की सदस्यता चली जाएगी. चुनाव आयोग अपना फैसला राष्ट्रपति के पास भेजेगा, जिस पर राष्ट्रपति अपनी मंजूरी देंगे."

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उन्होंने आगे कहा, "आप विधायकों की सदस्यता बचने की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि खुद दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने आयोग को दिए अपने हलफनामा में माना है कि विधायकों को मंत्रियों की तरह सुविधा दी गई. दिल्ली में सात विधायक मंत्री हो सकते हैं, लेकिन इन्होंने 28 बना दिए."

दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में आपत्ति जताई और कहा था कि दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव हो सकता है, जो मुख्यमंत्री के पास होगा. इन विधायकों को यह पद देने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है.

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