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दिल्लीः हाई कोर्ट के आदेश और एम्स प्रशासन से बातचीत के बाद नर्सों की हड़ताल खत्म

AIIMS की 5000 नर्स वेतन बढ़ोतरी समेत दूसरी मांगों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर थीं. नर्सों को AIIMS प्रशासन ने आगाह किया था कि अगर ड्यूटी रोस्टर में मौजूद नर्स अपनी ड्यूटी पर नहीं आती हैं तो उन्हें अनुपस्थित मार्क किया जाएगा. 

नर्सों को काम पर लौटने का आदेश (फोटो- PTI) नर्सों को काम पर लौटने का आदेश (फोटो- PTI)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:45 PM IST
  • दिल्ली हाई कोर्ट ने नर्सों की हड़ताल पर लगाई रोक
  • एम्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट का आदेश
  • मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी

दिल्ली स्थित एम्स की नर्सों ने हड़ताल वापस ले ली. एम्स प्रशासन से बातचीत के बाद नर्सों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया. इसी के साथ सोमवार से हड़ताल पर रहीं नर्स काम पर लौट आईं हैं. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने एम्स की नर्सों की हड़ताल पर रोक लगा दी थी. अदालत ने एम्स नर्सिंग यूनियन से काम पर लौटने को कहा.

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एम्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस नवीन चावला द्वारा ये आदेश दिया गया. एम्स प्रशासन की तरफ से कहा गया कि नर्सों की मांगों पर विचार किया जा रहा है. एम्स की ओर से अदालत में ये भी कहा गया कि कोविड महामारी का समय है, लिहाजा हड़ताल पर नहीं जा सकते. मामले की अलगी सुनवाई अब 18 जनवरी को होगी. 

बता दें कि AIIMS की 5000 नर्स वेतन बढ़ोतरी समेत दूसरी मांगों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर थीं. इससे पहले नर्सों को AIIMS प्रशासन ने आगाह किया था कि अगर ड्यूटी रोस्टर में मौजूद नर्स अपनी ड्यूटी पर नहीं आती हैं तो उन्हें अनुपस्थित मार्क किया जाएगा. 

एम्स प्रशासन ने नर्सों की कमी को पूरा करने के लिए 170 नर्सों को आउटसोर्स किया. यानी कि बाहर से 170 नर्स मंगाई हैं. एम्स प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहीं नर्सों को पत्र लिखकर कहा था कि ड्यूटी पर रिपोर्ट कर रही नर्सों के लिए उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है. ऐसा न करने पर उन्हें कार्य से अनुपस्थित माना जाएगा. 

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एम्स प्रशासन ने नर्सों को यह भी कहा कि केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक, नर्सिंग के काम रुकावट नहीं होनी चाहिए.  इस आदेश को नहीं मानना आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत अपराध माना जाएगा. एम्स ने कहा कि संस्थान के डायरेक्टर पहले ही नर्सों से अपील कर चुके हैं कि वे काम पर लौट आएं. 

बता दें कि नर्स छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने की मांग कर रही हैं. वे नर्स संविदा पर बहाली पर रोक की मांग कर रही हैं. नर्सिंग ऑफिसर की नियुक्ति में लिंग आधारित आरक्षण को खत्म करने की भी मांग की जा रही है. इसके अलावा नर्स अपने लिए दूसरी बेहतर सुविधाओं की मांग कर रही हैं.

एम्स डायरेक्टर ने की थी हड़ताल खत्म करने की अपील

दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान करने वाले नर्स यूनियन से अपील की कि वे कोरोना महामारी के समय ऐसा न करें. डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नर्स यूनियन अब हड़ताल पर चला गया है. वह भी तब जब केवल कुछ महीनों में (कोरोना) वैक्सीन आने वाली है. मैं सभी नर्सों और नर्सिंग अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे हड़ताल पर न जाएं, वापस काम पर लौट आएं और काम करें और हमें महामारी से बचाने में मदद करें.
 

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