
डेंगू ओर चिकनगुनिया के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने तीनों एमसीडी से आम लोगों को सिटीजन कमिश्नर नियुक्त करने की सलाह दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि सिटीजन कमिश्नर का काम अपने इलाके की साफ सफाई को सुनिशचित करके इसकी रिपोर्ट एसडीएम को देनी होगी.
सफाई के प्रति लोगों में जागरुकता
कोर्ट का मकसद सफाई के काम में आम लोगों की भागीदारी बढ़ाना है, जिससे सिविक एजेंसी और सरकार को एक तो स्टाफ की कमी से ना जूझना पड़े और दूसरा आम लोगों में भी खुद अपने इलाके की सफाई को लेकर जगरुकता पैदा हो.
2 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि करीब 9 हजार टन कूड़ा दिल्ली से हर रोज निकलता है लेकिन रिसाइकल करके बिजली बनाने मे सिर्फ 2500 टन का ही इस्तेमाल हो पाता है. कोर्ट ने पूछा कि बाकी कूड़े को आप कैसे रिसाइकल करेंगे, जबकी आपके पास लैंडफिल साइट्स ही दिल्ली में नहीं बची है. कोर्ट अगली सुनवाई 2 अगस्त को करेगा.
गंदगी फैलाने वालों पर चालान
कोर्ट ने साथ ही गंदगी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ चालान की प्रक्रिया को भी सक्रियता से लागू करने का निर्देश दिया है. कोर्ट का मानना था कि जो लोग अपने आसपास गंदगी फैला रहे हैं, उनको अगर यूं ही छोड़ दिया जाएगा तो फिर सफाई को लेकर ना तो जागरुकता और ना ही सक्रियता लाई जा सकती है.
स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है कोर्ट
इससे पहले कोर्ट डेंगू और चिकनगुनिया को रोकने के उपायों पर पिछले कुछ समय से खुद संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने इस मामले मे केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली की सभी एमसीडी को समय- समय पर बुलाकर कई निर्देश दिए हैं. साथ ही कोर्ट इस बात पर भी नजर रख रहा है कि अब तक कितने निर्देशों का सख्ती से पालन हुआ है.