
2019 में यहां तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग को जांच पूरी करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 महीने का और समय दिया है. आयोग द्वारा 2020 में प्रस्तुत एक रिपोर्ट के अनुसार, उसने तब तक 124 गवाहों से पूछताछ की थी और कुछ अन्य से पूछताछ की जानी थी.
दो नवंबर, 2019 को ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी और एक वकील के बीच पार्किंग को लेकर विवाद के बाद अदालत परिसर में दोनों पक्षों के बीच झड़प शुरू हो गई, जिसमें 20 से अधिक पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए.
दिल्ली हाइकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश के माध्यम से वकीलों को दो नवंबर की घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी को लेकर किसी भी कार्रवाई से न्यायिक जांच जारी रहने तक राहत दी थी. इसी तरह का आदेश दो पुलिसकर्मियों के पक्ष में पारित किया गया था, जिनके खिलाफ घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
तीस हजारी कोर्ट में क्यों भिड़े थे पुलिस-वकील?
दरअसल, तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकील भिड़ गए थे. दोनों के बीच मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. जिसके बाद वकीलों ने पुलिस जीप समेत कई वाहनों को आग लगा दी थी और तोड़फोड़ की थी.
आपको बता दें कि तीस हजारी कोर्ट के लॉकअप में जब एक वकील को पुलिस जवानों ने अंदर जाने से रोका था. उसी के बाद कहासुनी बढ़ गई थी और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे.