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CM केजरीवाल की इफ्तार पार्टी से नदारद रहे LG और दिल्ली के कई बड़े अफसर

दिल्ली सरकार के मंत्री, आम आदमी पार्टी के कई विधायक, कार्यकर्ता और अन्य आमंत्रित लोगों ने ही पार्टी में हिस्सा लिया. इफ्तारी से ठीक कुछ समय पहले सीएम केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पहुंचे.

केजरीवाल की इफ्तार पार्टी केजरीवाल की इफ्तार पार्टी
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इफ्तार पार्टी से उपराज्यपाल अनिल बैजल समेत राज्य के शीर्ष अफसरों समेत कई और बड़े मेहमानों ने दूरी बनाए रखी.

दिल्ली सरकार की ओर से पालिका सर्विस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट में सोमवार को दी गई इफ्तार पार्टी में आप पार्टी के अलावा कोई बड़ा चेहरा नहीं पहुंचा, जबकि प्रोटोकॉल के तहत सभी को न्योता दिया गया था.

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रमजान के इस पवित्र महीने में भी सरकार और अधिकारियों के बीच दूरियां खत्म नहीं हो पाई है. पिछले साल की तरह इस बार भी उपराज्यपाल अनिल बैजल मुख्यमंत्री के इफ्तार में शामिल नहीं हुए. साथ ही मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और बाकी अधिकारी भी नदारद रहे.

दिल्ली सरकार के मंत्री, आम आदमी पार्टी के कई विधायक, कार्यकर्ता और अन्य आमंत्रित लोगों ने ही पार्टी में हिस्सा लिया. इफ्तारी से ठीक कुछ समय पहले सीएम केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पहुंचे.

दावत में उपराज्यपाल अनिल बैजल, पूर्व सीएम शीला दीक्षित, नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता और पुलिस कमिश्नर को हमेशा की तरह बुलाया गया, लेकिन इन चेहरों में से कोई भी इफ्तार पार्टी में नहीं पहुंचा.

इफ्तार के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश को धर्म के नाम पर तोड़ने की कोशिश हो रही है. रमजान के पाक महीने में की गई सारी दुआएं कुबूल होती हैं. दिल्ली की जनता खुश और स्वस्थ्य रहे.

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सीएम ने आगे कहा कि जो मिशन लेकर आम आदमी पार्टी लेकर चली है, उसी दिशा में काम हो रहा है और उसमें सफलता मिले. काम करने में आ रही अड़चने खत्म हों. पाक साफ होने पर ऊपर वाला भी इंसान की मदद करता है.

इफ्तार के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी रमजान का पवित्र महीना है, कहते हैं कि इफ्तार के समय जो भी मांगो वह जरूर पूरा होता है. इसलिए मैं अल्लाह से पूरे देश में अमन और चैन मांगता हूं.

पहली इफ्तार पार्टी में थी धूम

उन्होंने कहा कि आज कल धर्म के नाम तोड़ने का काम किया जा रहा है, जहर घोला जा रहा है, अल्लाह ऐसे लोगों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे. हालांकि जब पत्रकारों ने कांग्रेस से गठबंधन पर सवाल किया तो सीएम ने कोई जवाब नहीं दिया.

मेहमानों के अभाव में इफ्तार पार्टी में पिछले साल के मुकाबले इस बार ज्यादा भीड़ भी नहीं दिखी. केजरीवाल की पहली इफ्तार पार्टी सबसे ज्यादा चर्चित रही थी. उसमें तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता, तत्कालीन पाकिस्तानी राजदूत अब्दुल बासित, तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी, नाराज वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास समेत कई हस्तियों ने शिरकत की थी.

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वहीँ दूसरे साल की पार्टी में तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे. इसमें शीला दीक्षित नहीं पहुंचीं. तीसरे साल में हामिद अंसारी, शीला दीक्षित, विजेंद्र गुप्ता, नजीब जंग भी नहीं पहुंचे. 2018 की इस इफ्तार पार्टी को चुनावी नजरिये से भी खास माना जा रहा था लेकिन कांग्रेस के किसी नेता के नहीं आने से यह भी फीका रहा.

हाल में ‘आप’ ने 5 लोकसभा क्षेत्रों पर प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है. उत्तर पूर्वी दिल्ली से प्रभारी दिलीप पांडेय और पूर्वी दिल्ली से प्रभारी आतिशी मार्लेना के साथ पार्टी के कार्यकर्ता सेल्फी खिंचाते दिखाई दिए. कार्यकर्ताओं में चर्चा रही कि नेतृत्व इन दोनों नेताओं को प्रत्याशी बना सकता है.

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