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दिल्ली: जानिए कैसे MCD की मनमानी और निजी कंपनी की लूट से परेशान हैं पुरानी कार के मालिक

दिल्ली में इन दिन कई कार के मालिक परेशान हैं. दरअसल इनमें वो कार के मालिक भी शामिल हैं जिनकी गाड़ियों की वैलिडिटी अभी खत्म भी नहीं हुई है. दिल्ली नगर निगम और निजी कंपनी की मनमानी की वजह से ये कार मालिक तंग आ चुके हैं.

आपकी पुरानी कार बढ़ा रही है MCD और प्राइवेट कंपनियों की कमाई (प्रतीकात्मक तस्वीर) आपकी पुरानी कार बढ़ा रही है MCD और प्राइवेट कंपनियों की कमाई (प्रतीकात्मक तस्वीर)
सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2023,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए एमसीडी लंबे वक्त से एक अभियान चला रही है. जिसमें 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल वाली गाड़ियां को कबाड़ में भेजा जा रहा हैं, लेकिन इस मुहिम से प्रशासन की मनमानी और कंपनियों लूट ने दिल्ली वालो को परेशान कर दिया है.

मनमानी और लूट!

मयूर विहार के सुप्रीम एंक्लेव में रहने वाले रविकांत की सेंट्रो कार की वैलिडिटी 2027 में खत्म हो रही है लेकिन बावजूद इसके एमसीडी के कर्मचारी उनकी गाड़ी उठा करके ले गए. अपनी गाड़ी के दस्तावेज लेकर जब रविकांत एमसीडी ऑफिस पहुंचे तो वहां के कर्मचारियों ने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि गाड़ी पाइन व्यू कंपनी को स्क्रैप में दे दी गई है. आप वहां से ले लीजिए. जब रविकांत हरियाणा के कुंडली स्थित पाइन व्यू कंपनी के जंग यार्ड पहुंचे तो कंपनी ने मना कर दिया कि आपकी गाड़ी नहीं मिलेगी. 

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रविकांत ने इसकी शिकायत ट्रांसपोर्ट विभाग से भी की. लगभग 2 महीने की लड़ाई के बाद रविकांत को अपनी गाड़ी वापस मिली लेकिन गाड़ी के कई स्पेयर पार्ट्स गायब हो चुके थे. रविकांत बताते हैं कि एमसीडी कर्मचारियों के साथ-साथ पाइन व्यू कंपनी के कर्मचारी उनकी गाड़ी उठाने के लिए आए थे. जबरदस्ती उनकी गाड़ी को उनकी सोसाइटी के अंदर  आकर उठाया गया और अपने जंक्यार्ड ले गए. पाइन व्यू कंपनी लंबे वक्त से मनमानी कर रही है.

जबरन उठा रहे हैं कार

मयूर विहार के सुप्रीम एंकलेव में ही रहने वाले एडवोकेट शांता कुमार महल ने बताया की उनकी भी गाड़ी उसी दिन सोसाइटी से एमसीडी और पाइन व्यू  कंपनी के लोग लेकर गए जिस दिन रवि कांत की कार लेकर गए थे. उनकी गाड़ी की वैलिडिटी भी अभी बरकरार थी फिर भी उनकी गाड़ी को कंपनी उठाकर के ले गई. उस दिन इनकी सोसाइटी से लगभग 20 गाडियां एमसीडी और पाइन व्यू कंपनी जंक यार्ड में ले गई. 2 महीने से ऊपर का वक्त हो गया है अभी तक उनकी गाड़ी उनको नहीं मिली है.  शांता कुमार ने बताया कि दरसल  एनजीटी का जो आदेश है उसके मुताबिक,  15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल वाली गाड़ियां अगर सड़कों पर हैं तो उनको हटाया जाए लेकिन यह कंपनियां मिलीभगत करके मनमाने ढंग से उन गाड़ियों को उठा रही हैं जिनकी वैलिडिटी बरकरार है.

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अपने हिसाब से तय किए कार के रेट

यमुना विहार के सी ब्लॉक में रहने वाले एडवोकेट अमित राजोरा की होंडा सिविक को 13 फरवरी को एमसीडी और पाइन व्यू कंपनी के लोग उठा कर के ले गए थे. हालांकि अमित बताते हैं कि उनकी कार की वैलिडिटी 2 महीने एक्सपायर हो गई थी लेकिन अमित अपनी कार को कंपनी से रिप्लेस कराने वाले थे लेकिन उससे पहले ही उनकी कार को एमसीडी और पाइन व्यू कंपनी वाले जंक यार्ड में ले गए. हालांकि पाइन व्यू कंपनी की तरफ से अमित को एक स्लिप दी गई गई थी और यह कहा गया था कि आपकी गाड़ी के scrap के मुताबिक 60 हजार देगी.  अमित को कंपनी से गाड़ी रिप्लेस करने में लगभग 90 हजार मिल रहे थे. अमित का आरोप है कि 30 हजार का नुकसान तो हुआ ही लेकिन अभी तक कंपनी ने ना तो 60 हजार रूपए दिए ना ही उनकी गाड़ी वापस दे रहे है. यहां तक की जिस जंक यार्ड में उनकी गाड़ी लेकर गए थे उस पर ताला लगा है.

मयूर विहार सोसायटी में रहने वाली महिला ने बताया कि उनकी सोसाइटी के बाहर पिछले लंबे वक्त से एक जली हुई कार खड़ी है लेकिन एमसीडी की टीम उसको तो उठाने नहीं आती जिसने सड़क पर अतिक्रमण कर रखा है. लेकिन सोसाइटी के अंदर आकर उनके घरों की नीचे से गाड़ी उठाना बेहद गलत है. एमसीडी के साथ मिलकर यह प्राइवेट कंपनी के लोग महिलाओं के साथ बदसलूकी करते हैं और गाड़ी उठाने तब आते हैं जब घर में महिलाए अकेली होती हैं. हालांकि जब उन्होंने एमसीडी कि मौजूदा निगम पार्षदों से बात की तो उन्होंने कहा कि आपकी गाड़ी को सही ढंग से उठाया गया है और अगर आपको अपनी गाड़ी वापस चाहिए तो उसको इलेक्ट्रिक कार में तब्दील किया जाए और उसको आगे 5 साल तक के लिए आप चला सकते हैं.

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पाइन व्यू का बयान

आज तक की टीम ने जब पाइन व्यू कंपनी के डायरेक्टर यश अरोड़ा से बात की तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि गाड़ियों को दरअसल उनकी कंपनी नहीं बल्कि एमसीडी उठा रही है और एमसीडी गाड़ियों को उठाकर उनके स्क्रैप कंपनी को भेजती है. गाड़ी को कॉलोनियों से उठाने में उनकी कंपनी का किसी प्रकार का कोई रोल नहीं है. उनकी कंपनी का मई के महीने में लाइसेंस रद्द कर दिया गया था जिसके बाद से अब उनके यार्ड में गाड़ियां नहीं आ रही है और ना ही एमसीडी भेज रही है.

कब मिला कंपनी को ठेका

दरसल पाइन व्यू कंपनी को 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों का ठेका 2020 में दिया गया था जो 2025 तक वैलिड था लेकिन कंपनी की मनमानी और लूट के कारण दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग ने 19 जनवरी 2023 को इसका लाइसेंस कैंसल कर दिया. कंपनी की मनमानी उसके बाद भी जारी रही. जनवरी में लाइसेंस रद्द होने के बाद अगले दो-तीन महीने तक दिल्ली की सड़कों पर और सोसाइटी के अंदर खड़ी गाड़ियों को एमसीडी के साथ मिलकर उठाते रहे और स्क्रैप यार्ड में ले जाकर डम्प कर दिया. जब गाड़ी के मालिक स्क्रैपयार्ड में जाते हैं तो वहां मौजूद बाउंसर उनके साथ बदतमीजी करते हैं और मनमाने ढंग से उनको गाड़ी की कीमत दे रहे हैं. जिस गाड़ी की कीमत बाजार में 30 हजार है वही यह कंपनी 12,13 हजार देकर गाड़ी ओनर को टरका रहे है. इससे गाड़ी मालिको को चूना लग रहा है.

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क्या कहना है एमसीडी का 

इस मामले पर हमने जब एमसीडी के एक अधिकारी से बात की तो उनका का कहना था कि वह इस मामले को देख रहे हैं और अगर कहीं किसी प्रकार की कोई अनियमितता हुई है तो उस पर कार्यवाही भी की जाएगी. आपको बता दें कि एमसीडी की यह कार्यवाही सिर्फ पूर्वी दिल्ली में ही नहीं बल्कि साउथ दिल्ली, नॉर्थ दिल्ली, सहित पूरे दिल्ली में चल रही है.

 

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