
दिल्ली में आने वाले दिनों में एक नया पावर संघर्ष देखने को मिल सकता है. यह पावर संघर्ष दिल्ली में चुनी हुई सरकार और उपराज्यपाल के बीच में कौन ज्यादा ताकतवर है सिर्फ उसको लेकर नहीं है. बल्कि इस बार संघर्ष नया होगा और वह होगा बिजली की कीमतों को लेकर. बुधवार की शाम केंद्र सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी करके दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग यानी डीईआरसी के चेयरमैन की नियुक्ति कर दी.
यह नोटिफिकेशन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 19 मई को केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के बाद पहली बार उपराज्यपाल ने अपनी शक्तियों का प्रयोग किया है. नए अध्यादेश के सेक्शन 45b में इस बात का जिक्र है कि आयोग बोर्ड में चेयरमैन की नियुक्ति उपराज्यपाल के सुझाव पर राष्ट्रपति कर सकते हैं. इतनी शक्ति का इस्तेमाल राष्ट्रपति ने करके डीईआरसी के चेयरमैन की नियुक्ति कर दी है.
ये मामला कहीं रोचक है क्योंकि डीईआरसी वह आयोग है जो quasi-judicial है और दिल्ली में बिजली की कीमतों को तय करता है. चेयरमैन का पद कई महीनों से खाली है और इसी वजह से दिल्ली सरकार पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन को नियुक्त करने का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार का है लेकिन तब तक नया अध्यादेश नहीं आया था. अब अध्यादेश आने के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं और उसमें नियमों में भी बदलाव कर दिया गया है.
दिल्ली सरकार ने भी की थी नियुक्ति
दिल्ली सरकार ने भी डीईआरसी के चेयरमैन की नियुक्ति की थी. मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट के जज जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति दिल्ली सरकार ने बतौर डीईआरसी चेयरमैन की. लेकिन जस्टिस श्रीवास्तव ने निजी कारणों की वजह से इस पद पर आने से मना कर दिया. ऐसे में उपराज्यपाल वीके सक्सेना को नए अध्यादेश के तहत मिली शक्तियों के इस्तेमाल का मौका मिला. उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस उमेश कुमार को डीईआरसी के चेयरमैन के पद पर नियुक्ति की अनुशंसा राष्ट्रपति के पास भेजी जिसे राष्ट्रपति ने बुधवार को नोटिफाई कर दिया.
दिल्ली में बिजली की कीमतों का बड़ा मुद्दा
जाहिर सी बात है कि दिल्ली सरकार के लिए बिजली की कीमतों का मुद्दा काफी बड़ा है क्योंकि वह पहले से ही 400 यूनिट तक खपत करने वालों को सब्सिडी देती आई है. ऐसे में उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त किए गए चेयरमैन को लेकर आम आदमी पार्टी कई आशंकाएं जता रही है. पहले ही बिजली कंपनियां दावा कर रही हैं कि उन्हें बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी चाहिए ताकि जो उनका बकाया है उसकी भरपाई हो सके.
‼️LG साहब का राजपत्र, दिल्ली में Free, 24 घंटे बिजली रोकने की तैयारी है‼️
देश में सबसे सस्ती बिजली Delhi में मिलती है।
24 घंटे बिजली CM @ArvindKejriwal की सरकार ने शुरू की।
उससे पहले, हर साल बिजली के दाम बढ़ते थे—Bill भरने के लिए घर के खर्चे काटने पड़ते थे।
अब 41 Lakh… pic.twitter.com/K5Xiq6IiKr
सुप्रीम कोर्ट जाएगी आम आदमी पार्टी
DERC चेयरमैन की नियुक्ति के खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाएगी. दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा, "देश में सबसे सस्ती बिजली दिल्ली में मिलती है. बीजेपी दिल्ली वालों से केजरीवाल जी को चुनने का बदला ले रही है. चुनी हुई सरकार के सुझाव के खिलाफ डीईआरसी चेयरमैन नियुक्त कर दिल्ली में फ्री 24 घंटे बिजली बंद करने का षड़यंत्र रच रही है. बीजेपी शासित केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक रूप से DERC चेयरमैन की नियुक्ति के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. अपने हक के लिए संघर्ष करेंगे. बीजेपी की साजिशों को कभी भी सफल नहीं होने देंगे. हम दिल्ली को फ्री बिजली हरगिज बंद नहीं होने देंगे."