Advertisement

दिल्ली में छठ को लेकर LG से अलग केजरीवाल के बयान, उपराज्यपाल बोले- भ्रामक जानकारी न दें

अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि यमुना में कहीं भी छठ का पर्व किया जा सकता है लेकिन उपराज्यपाल सक्सेना ने यह साफ किया है कि छठ की पूजा सिर्फ तय घाटों पर ही की जाएगी. इसके साथ ही सक्सेना ने केजरीवाल को हिदायत दी कि वे अधूरी और भ्रामक जानकारी जनता के साथ साझा न करें. 

एलजी वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एलजी वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच विचारों का भेद आम है. अब ताजा मामला छठ का है जब राजधानी में छठ पूजा को लेकर दोनों ने अलग-अलग बयान दिए हैं, जिसके चलते दिल्लीवासी कंफ्यूज हो गए हैं. दरअसल अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि यमुना में कहीं भी छठ का पर्व किया जा सकता है लेकिन उपराज्यपाल सक्सेना ने यह साफ किया है कि छठ की पूजा सिर्फ तय घाटों पर ही की जाएगी. इसके साथ ही सक्सेना ने केजरीवाल को हिदायत दी कि वे अधूरी और भ्रामक जानकारी जनता के साथ साझा न करें. 

Advertisement

इसके मद्देनजर एलजी ने राजस्व और पर्यावरण विभागों को यमुना में प्रदूषण के संबंध में एनजीटी के आदेशों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने केजरीवाल सरकार से छठ करने वालों के लिए निर्धारित घाटों की साफ सफाई और यमुना के पानी की सफाई को सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
 
गौरतलब है कि बीते 14 अक्टूबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छठ पूजा को लेकर बड़ा ऐलान किया था. उन्होंने बताया था कि इस साल दिल्ली में 1100 जगहों पर सार्वजनिक तौर पर छठ पूजा की जाएगी. इतना ही नहीं केजरीवाल ने ऐलान किया है कि सरकार छठ पूजा के लिए 25 करोड़ रुपए खर्च करेगी. केजरीवाल ने कहा कि 2 साल से कोरोना के चलते सार्वजनिक तौर पर छठ पूजा करने पर रोक थी. लेकिन इस बार सरकार ने धूमधाम से छठ पूजा करने का फैसला किया है.

Advertisement

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 30 और 31 अक्टूबर को छठ का त्योहार है. हम सब मिलकर छठी मैया से आशीर्वाद मांगेंगे और सूर्य भगवान की पूजा करेंगे. उन्होंने कहा कि जब से हमारी सरकार बनी है तब से हम भव्य रूप से इस त्यौहार को मनाने का सिलसिला चला रहे हैं. लेकिन 2 साल से कोरोना था, इसलिए हम सार्वजनिक रूप से छठ पूजा नहीं मना पाए थे.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement