
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच विचारों का भेद आम है. अब ताजा मामला छठ का है जब राजधानी में छठ पूजा को लेकर दोनों ने अलग-अलग बयान दिए हैं, जिसके चलते दिल्लीवासी कंफ्यूज हो गए हैं. दरअसल अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि यमुना में कहीं भी छठ का पर्व किया जा सकता है लेकिन उपराज्यपाल सक्सेना ने यह साफ किया है कि छठ की पूजा सिर्फ तय घाटों पर ही की जाएगी. इसके साथ ही सक्सेना ने केजरीवाल को हिदायत दी कि वे अधूरी और भ्रामक जानकारी जनता के साथ साझा न करें.
इसके मद्देनजर एलजी ने राजस्व और पर्यावरण विभागों को यमुना में प्रदूषण के संबंध में एनजीटी के आदेशों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने केजरीवाल सरकार से छठ करने वालों के लिए निर्धारित घाटों की साफ सफाई और यमुना के पानी की सफाई को सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि बीते 14 अक्टूबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छठ पूजा को लेकर बड़ा ऐलान किया था. उन्होंने बताया था कि इस साल दिल्ली में 1100 जगहों पर सार्वजनिक तौर पर छठ पूजा की जाएगी. इतना ही नहीं केजरीवाल ने ऐलान किया है कि सरकार छठ पूजा के लिए 25 करोड़ रुपए खर्च करेगी. केजरीवाल ने कहा कि 2 साल से कोरोना के चलते सार्वजनिक तौर पर छठ पूजा करने पर रोक थी. लेकिन इस बार सरकार ने धूमधाम से छठ पूजा करने का फैसला किया है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 30 और 31 अक्टूबर को छठ का त्योहार है. हम सब मिलकर छठी मैया से आशीर्वाद मांगेंगे और सूर्य भगवान की पूजा करेंगे. उन्होंने कहा कि जब से हमारी सरकार बनी है तब से हम भव्य रूप से इस त्यौहार को मनाने का सिलसिला चला रहे हैं. लेकिन 2 साल से कोरोना था, इसलिए हम सार्वजनिक रूप से छठ पूजा नहीं मना पाए थे.