
दिल्ली की राजनीति में नया बवाल शुरू हो सकता है. दिल्ली विधानसभा की एलजी को विशेष अधिकार कमेटी के सामने पेश करने की तैयारी कर रही है. दिल्ली विधानसभा में सोमवार को विशेष सत्र बुलाया गया. इस एक दिवसीय सत्र में केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाया गया. वहीं AAP सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा में एलजी दफ्तर द्वारा विशेष सत्र बुलाए जाने पर आपत्ति जताते हुए 16 अप्रैल को सीएम को लिखी चिट्ठी लीक किए जाने के मामले में जांच की मांग की है.
एलजी द्वारा विशेष सत्र बुलाए जाने पर आपत्ति दर्ज करने के मामले पर बोलते हुए सौरभ भारद्वाज ने सदन में कहा कि एलजी साहब ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी, जबकि सीएम सीबीआई दफ्तर में पूछताछ में शामिल थे और एलजी साहब ने चिट्ठी मीडिया को दे दी. एलजी दफ्तर से इस तरह पत्र का लीक हो जाना गंभीर विषय है. एलजी दफ्तर से खबर प्लांट की गई. उन्होंने कहा कि चिट्ठी के मामले में जांच होनी चाहिए कि आखिर यह कैसे लीक हो गई.
दिल्ली विधानसभा को अधिकार है कि सरकार की सिफारिश पर विधानसभा के स्पीकर सत्र को जब चाहें बुला सकते हैं. दिल्ली विधानसभा एलजी हाउस, विधायक को और सभी बाबुओं की तनख्वाह देता है. राजनीतिक कारणों से LG साहब सुप्रीम नहीं बनाए बल्कि दिल्ली विधानसभा सुप्रीम है. दिल्ली विधानसभा के बारे में झूठ प्रसारित किया जा रहा है, जबकि इसी दिल्ली विधानसभा के लिए कई लोगों ने अपनी कुर्बानी दी है. एलजी द्वारा दिल्ली विधानसभा हाउस की प्रिवलेज पर सवाल उठाया गया है, जो गलत है. दिल्ली विधानसभा को पावर देश के किसी प्रधानमंत्री ने नहीं दी है बल्कि देश के संविधान ने दी है और हम स्पीकर के साथ हैं.
डिप्टी स्पीकर ने दिए जांच के निर्देश
इसके बाद, दिल्ली विधानसभा की डिप्टी स्पीकर राखी बिड़लान ने कहा कि उपराज्यपाल का लिखा नोट हमारे पास पहुंचने से पहले ही मीडिया में शेयर किया जा चुका है. इस मामले को मैं सदन की विशेषाधिकार समिति को सौंपती हूं कि समिति जांच करें और अपनी रिपोर्ट दे कि क्या इस मामले में विशेषाधिकार हनन हुआ है और सदन की अवमानना हुई है? क्या उपराज्यपाल महोदय को समिति के समक्ष पेश होने के लिए समन दिए जा सकते हैं या नहीं?'
एलजी के पद का उड़ाया जा रहा मजाक
दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर एलजी की आपत्ति दर्ज करने के मामले में AAP विधायक संजीव झा ने सदन में इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल ने आज के हाउस पर आपत्ति दर्ज की थी. जिस तरह की जानकारी मीडिया के जरिए एलजी दे रहे हैं, यह हास्यास्पद है. एलजी पद एक संविधानिक पद है और इस पद का मजाक उड़ाया जा रहा है. एलजी को दिल्ली की समझ नहीं है लेकिन उन्हें संविधान की समझ होनी चाहिए. एलजी को किसी ऐसे एडवाइजर को रखना चाहिए, जो उन्हें संविधान और कानून बताएं. दिल्ली रेप कैपिटल बनती जा रही है और घर-घर नशा बिक रहा है लेकिन उस पर एलजी साहब काम नहीं कर रहे हैं. एलजी बिना कैबिनेट की एडवाइस के कोई डायरेक्शन नहीं दे सकते हैं. एलजी आज बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं.
8 साल से बिना नियमों के चल रहा सदन
राखी बिड़लान के बयान के जवाब में बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा, 'आम आदमी पार्टी ने विशेष सत्र बुलाने की आदत बना ली है. एक बार सत्र बुलाते हैं और उसके बाद उसको ऐसे ही चलाते रहते हैं. यह असंवैधानिक है. दिल्ली के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है, सदन बुलाकर मजाक बनाया जा रहा है. किसी उद्देश्य के साथ सदन को साइन डाइ (Sine Die) किया जाता है, लेकिन आठ साल से बिना नियमों के सदन चल रहा है. यह प्रथा बन गई है कि साल में एक बार सदन बुलाओ उसे Sine Die न करो और फिर पूरे साल स्पेशल सेशन बुलाते रहो. आज उपराज्यपाल की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए सदन का इस्तेमाल हो रहा है.'