
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में एक कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कई बातें कहीं. इस दौरान दिल्ली पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे. यहां एलजी ने कंझावला कांड और श्रद्धा मर्डर केस का भी जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हाल ही में एक लड़की की हत्या कर उसके कई टुकड़े करके दिल्ली में फेंके जाने की घटना का खुलासा इस अपराध के महीनों बाद हुआ.
उन्होंने कंझावला केस का जिक्र करते हुए कहा कि नए साल की पूर्व संध्या पर, जब पुलिस गश्त और चेक पॉइंट को कई गुना मजबूत किया जाता है, तो एक लड़की को टक्कर मार दी जाती है और फिर एक कार द्वारा घसीटा जाता है. एएसआई श्री शंभू दयाल मीणा की मौत, शाम के व्यस्त समय के दौरान एक ट्रैफिक चौराहे पर चेन स्नैचिंग और खुली फायरिंग की घटना को रोकने के दौरान 2 निर्दोष लोगों की मौत आदि फील्ड में पुलिसिंग की कमी को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली प्रति लाख जनसंख्या पर हिंसक अपराध के मामलों के मामले में तीसरे स्थान पर है. महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में यह पूरे देश में दूसरे स्थान पर है, इस तथ्य के बावजूद कि हमारे पास दिल्ली में लगभग 81,000 पुलिस बल उपलब्ध है. पुलिस प्रशासन के कर्मियों पर भ्रष्टाचार का ऐसा दाग लगा है. DCPs को तत्काल प्रभाव से इसे सुधारने के उद्देश्य से इसे देखने की आवश्यकता है. आपको 24x7x365 के आधार पर सड़कों दिखाई देना है. जहां एक ओर यह अपराध को रोकने में मदद करेगा तो वहीं लोगों के बीच विश्वास पैदा करने में भी मदद करेगा.
उपराज्यपाल ने कहा कि अक्सर शिकायते आती हैं कि जांच हो नहीं रही है, पुलिस के लोग दूसरी पार्टी से मिले हुए हैं, मौका-ए वारदात पर पुलिस पहुंची नहीं है, जो कहा गया वो बयान में नहीं लिखा गया,थाने में मिलने का समय नहीं दिया गया, थाने में उचित कार्रवाई नहीं की गई. अब इन सभी बहानों को दूर करना होगा और लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास कामय करना होगा.