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'CM दफ्तर से बिना दस्तखत मेरे पास प्रस्ताव आ रहे हैं', LG वीके सक्सेना और अरविंद केजरीवाल में फिर ठनी

दिल्ली में एलजी और आम आदमी पार्टी सरकार फिर आमने सामने आ गई है. इस बार एलजी वीके सक्सेना की तरफ से दावा कर दिया गया है कि उनके पास जो भी प्रस्ताव आते हैं, उन पर सीएम का साइन नहीं होता है. एलजी ने स्पष्ट कहा है कि प्रस्तावों पर अधिकारी के नहीं सीएम के साइन जरूरी हैं.

एलजी वीके सक्सेना और सीएम अरविंद केजरीवाल एलजी वीके सक्सेना और सीएम अरविंद केजरीवाल
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:28 PM IST
  • LG की दो टूक- अधिकारी के नहीं सीएम के साइन जरूरी
  • 'पता नहीं अगर प्रस्तावों के बारे में सीएम को जानकारी है'

दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार और एलजी वीके सक्सेना के बीच में तल्खी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अब एक बार फिर एलजी की तरफ से सीएम केजरीवाल के प्रति नाराजगी व्यक्त की गई है. कहा गया है कि एलजी के पास कई ऐसे प्रस्ताव आ रहे हैं जिन पर सीएम का दस्तखत तक नहीं है.

फिर आमने सामने एलजी और केजरीवाल

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एलजी की तरफ से सीएम अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी गई है. उस चिट्ठी में लिखा है कि कई सारे प्रस्ताव मुख्यमंत्री दफ्तर से बिना सीएम के दस्तखत के उनके पास आ रहे हैं जो सही नहीं है. कोई भी प्रस्ताव या ओपिनियन भेजते वक्त मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करें कि उस पर उनका अपना दस्तखत हो ना कि किसी अधिकारी का.

चिट्ठी में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि जो भी प्रस्ताव बिना सीएम दस्तखत के आते हैं, ये कभी स्पष्ट नहीं हो पाता है कि मुख्यमंत्री द्वारा असल में वो प्रस्ताव देखे भी गए हैं या नहीं, उन्हें इसकी जानकारी है या नहीं. ऐसे में दस्तखत के साथ ही कोई प्रस्ताव भेजा जाए. अब ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी मुद्दे को लेकर एलजी और अरविंद केजरीवाल आमने-सामने आए हों.

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कई मौकों पर खड़ा हुआ विवाद

इससे पहले शराब नीति को लेकर विवाद रहा तो या फिर सीएम की सिंगापुर यात्रा को लेकर, सिर्फ मौके बदलते हैं लेकिन एलजी और सरकार के बीच तल्खी बढ़ती जाती है. इस बार तो एलजी की तरफ से दावा हो गया है कि उनके पास बिना सीएम दस्तखत के प्रस्ताव आ रहे हैं. अभी तक आम आदमी पार्टी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन बीजेपी ने इसे भी बड़ा मुद्दा बना लिया है.

बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने ट्वीट कर लिखा है कि अरविंद केजरीवाल खुद को सिर्फ पोर्टफोलियो से दूर नहीं रखते हैं, बल्कि फाइलों को भी साइन नहीं करते हैं. ऐसा कर वे खुद को उन फैसलों से दूर करते हैं जहां भ्रष्टाचार होता है. एलजी की इस चिट्ठी से दूध का दूध और शराब का शराब होना शुरू हो गया है.

शराब घोटाले ने बढ़ाई सरकार की टेंशन

वैसे इस समय दिल्ली में सबसे बड़ा मुद्दा शराब घोटाले का चल रहा है. जब से एलजी द्वारा दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में सीबीआई जांच की मांग की गई थी, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुसीबत काफी ज्यादा बढ़ चुकी है. उनके करीबियों से एक तरफ लंबी पूछताछ हो रही है तो सिसोदिया के घर पर भी कई घंटों की रेड चली है. सीएम अरविंद केजरीवाल तो दावा कर गए हैं कि उन्हें ऐसी खबरें मिल रही हैं कि मनीष सिसोदिया को दो से तीन दिन में गिरफ्तार किया जा सकता है.

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