
नीट पीजी 2021 (NEET PG 2021) काउंसलिंग आयोजित करने में बार-बार हो रही देरी के खिलाफ देशभर के रेसिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. अब लोकनायक हॉस्पिटल (lnjp hospital), सफदरजंग समेत करीब समेत दिल्ली के करीब 7 बड़े अस्पतालों के रेसिडेंट डॉक्टर्स ने भी फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के इस हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है.
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA), FAIMA और IMA JDN ने नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग में हो रही देरी के खिलाफ देशभर में डॉक्टरों से हड़ताल की अपील की थी. इसमें देशभर के रेसिडेंट डॉक्टर जुड़ रहे हैं.
दिल्ली के इन अस्पतालों में रेसिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर
LNJP के रेसिडेंट डॉक्टर्स आज से ओपीडी सेवाओं का बायकॉट करेंगे. इसके अलावा सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, बाबा अंबेडकर, डीडीयू हॉस्पिटल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के रेसिडेंट डॉक्टरों ने भी ओपीडी सेवाओं का बायकॉट करने का ऐलान किया. उधर, दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी सभी रेगुलर सर्विसों, ओपीडी, ईपीडी और इलेक्टिव ओटीएस से खुद को दूर करने का ऐलान किया है.
अस्पतालों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय से उन्हें तीन दिन इस मामले के निपटारे का भरोसा मिला था. लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया. ऐसे में हमें अपनी आवाज उठाने के लिए अब हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ रहा है.
क्यों हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स?
डॉक्टरों के एसोसिएशन नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी का विरोध कर रहे हैं. FORDA की ओर से कहा गया है कि हम मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिले सकारात्मक परिणामों के लिए इंतजार कर रहे हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट नीट परीक्षा में ओबीसी के लिए 27% और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 10% आरक्षण प्रदान करने वाले केंद्र और मेडिकल काउंसिलिंग समिति (एमसीसी) की अधिसूचनाओं के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.
केंद्र ने 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 8 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा पर फिर से विचार करने का फैसला किया है. केंद्र ने चार हफ्तों के लिए नीट काउंसलिंग टाल दी है