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दिल्ली: ...तो 400 किमी. की सड़क हो जाती जाम से मुक्त, LG वीके सक्सेना प्राेजेक्ट रुकने की वजह जानकर भड़के

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कई विभागों के साथ मीटिंग की थी. इस दौरान उन वजहों पर बात हुई, जिस कारण 77 कॉरिडोर पर 2019 से काम रुका हुआ है. मीटिंग में पता चला कि ऐसे 119 मामले हैं, जिनकी वजह से काम प्रभावित है. इनमें से सबसे ज्यादा 58 मामले पीडब्ल्यूडी विभाग से जुड़े हैं.

दिल्ली की सड़कें जाम मुक्त न हो पाने पर नाराज हुए दिल्ली के एलजी (फाइल फोटो) दिल्ली की सड़कें जाम मुक्त न हो पाने पर नाराज हुए दिल्ली के एलजी (फाइल फोटो)
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST
  • दिल्ली को डीकन्जेस्ट करने के 77 कॉरिडोर पर होना है काम
  • छोटी-छोटी वजहों के कारण 2019 से रुका हुआ है काम

दिल्ली देश की राजधानी जरूर है लेकिन यहां कैसे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट मामूली वजहों से रुक जाते हैं, उसका नमूना एलजी वीके सक्सेना की बुलाई मीटिंग में देखने को मिला. मीटिंग में सभी विभाग मौजूद थे, जिन्हें उन 77 कॉरिडोर पर काम करना है, जहां से दिल्ली को डीकन्जेस्ट करने की शुरुआत होनी है. इस मीटिंग में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार भी मौजूद थे.

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एक-एक करके जब विभागों ने बोलना शुरू किया तो काम न होने की पोल खुलती चली गई. विभागों ने काम रुके होने की जो वजहें बताईं, वे इतनी छोटी थीं कि उपराज्यपाल का पारा चढ़ गया. विभागों ने बताया कि सड़क पर पेड़, इलेक्ट्रिक पोल, ट्रांसफार्मर या धार्मिक स्ट्रक्चर होने की वजह से काम रुक रहा है. बताया जा रहा है कि इन वजहों से 2019 से इन अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम की रफ्तार थम गई है.

व्यवस्था नहीं सुधारी तो करेंगे कार्रवाई

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुस्से में मीटिंग में मौजूद अधिकारियों से कहा कि जो काम दो विभगों के बीच महज एक चिट्ठी से हो जाना चाहिए था, उसके लिए इतनी बड़ी बैठक बुलानी पड़ रही है. पूछा कि दो विभाग आपस में मसले को क्यों नहीं सुलझा पा रहे हैं. इसके बाद उन्होंने मुख्य सचिव को यह निर्देश दिया कि जिम्मेदारी तय करें कि ऐसी लेट-लतीफी किन अधिकारियों की वजह से हो रही है. अगर वह तुरंत इसमें सुधार नहीं करते तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाए. 

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119 मामलों की वजह से प्रोजेक्ट अटका

मीटिंग में यह भी पता चला कि ऐसे 119 मामले हैं जिनकी वजह से इन प्रोजेक्ट पर काम रुका पड़ा है. इनमें से सबसे ज्यादा 58 मामले पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आते हैं. 8 जगहों से पेड़ हटाना है, 7 जगहों से झुग्गी हटानी है तो वहीं 17 जगहों से बिजली के खंभे या ट्रांसफार्मर हटाने हैं. पांच जगह तो ऐसी हैं जहां बैंकेट हॉल सड़कों पर हैं और वहां पर पार्किंग की व्यवस्था नहीं हो पा रही है इसलिए प्रोजेक्ट अटका पड़ा है. इस वजह से महत्वपूर्ण सड़कों जैसे कि मेहरौली गुड़गांव रोड, मेहरौली बदरपुर रोड, रिंग रोड, लोनी रोड जैसे प्रोजेक्ट पर काम रुका पड़ा है.

'पहले तो अधिकारी अवैध निर्माण होने देते हैं...'

उपराज्यपाल सक्सेना ने नाराजगी जताई कि पहले तो अधिकारी अनधिकृत निर्माण होने देते हैं जैसे कि झुग्गी बसने देना और धार्मिक निर्माण को खड़ा होने देना और उसके बाद उन्हें हटाने के नाम पर सब कुछ फाइलों में फंसा देते हैं. एलजी ने तत्काल अधिकारियों के ये आदेश दिए कि ऐसा काम अगर कहीं शुरू हो रहा है तो उसे वहीं रोका जाए ताकि आगे सिर दर्दी ना बन पाए.

रिलीजियस कमेटी बनाने के निर्देश दिए गए

धार्मिक निर्माणों पर उपराज्यपाल सक्सेना ने यह निर्देश दिया है कि ऐसे अनाधिकृत निर्माणों को हटाने के लिए एक रिलीजियस कमेटी बनाई जाए. नीति की मीटिंग महीने के हर आखिरी वर्किंग डे पर की जाए ताकि ऐसे निर्माणों को तुरंत हटाया जा सके. 77 कॉरिडोर पर काम होना है, अगर उस पर ट्रैफिक की रफ्तार ठीक हो जाए तो लगभग 400 किलोमीटर सड़कें जाम फ्री हो जाएंगी.

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