
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद राकेश सिन्हा भी बंदर के हमले का शिकार हो गए. दिल्ली के शाहजहां रोड पर स्थित सरकारी आवास पर राकेश सिन्हा को बंदर ने काट लिया. इसके बाद राकेश सिन्हा ने कहा कि पहले बंदर गमले और सामान को नुकसान पहुंचाते थे, हम लोगों पर हमला करने लगे हैं. मैं भी 28 अगस्त को इसका शिकार हुआ. मुझे भी बंदर ने काटा. मेरे चार स्टाफ बंदर के डर से छोड़कर चले गए.
राकेश सिन्हा ने कहा कि बंदर के काटने से रैबिज और एड्स दोनों का ख़तरा रहता है. उन्होंने पशुओं के अधिकारों को नुक़सान पहुंचाए बिना बंदरों को निकालने की ज़रूरत पर जोर दिया है. राकेश सिन्हा ने कहा कि बंदरों की वजह से चारों तरफ असुरक्षा का माहौल कायम रहता है. इस समस्या को दूर करने के लिए शहरी विकास मंत्रालय को पहल करनी चाहिए. इस मुद्दे पर हम सरकार को पत्र लिखने जा रहे हैं.
दिल्ली में कुछ बंदरों ने ऐसा आतंक मचा रखा है कि आम लोगों से लेकर बड़े-बड़े मंत्री और नेता तक दहशत में है. आलम ये है कि बाकायदा सर्कुलर जारी कर नेताओं को बंदरों से बचने की नसीहत दी गई है. लोकसभा सचिवालय के सर्कुलर में सासंदों को संसद परिसर में बंदरों से सावधान रहने की सलाह दी गई है. इन बंदरों ने नेताओं के घरों पर कब्ज़ा जमा रखा है और इनके चलते लोगों के दिलों में डर बसा रहता है कि कहीं कोई इनका शिकार ना बन जाए.
बंदरों से परेशान एक सांसद मामले को संसद में उठा चुका हैं. 2017 में लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बीजू जनता दल के सांसद कुलमणि सामल ने कहा कि दिल्ली के लुटियन जोन में सांसदों के आवासों के आसपास भी आवारा कुत्तों और बंदरों का प्रकोप है, जिसके चलते सांसदों को दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है.