
लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में सीलिंग को लेकर सियासत तेज हो गई है. मायापुरी में सीलिंग को लेकर हुए हंगामे के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पलटवार किया है. 'आप' नेताओं का आरोप है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार के इशारे पर अर्धसैनिक बलों ने कारोबारियों पर लाठियां और ईंट पत्थर बरसाए.
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार के अर्धसैनिक बलों ने व्यापारियों पर लाठियां चलाईं, उसको देखकर जलियांवाला बाग का मंजर याद आ गया. जिन लोगों पर भाजपा ने इतनी बर्बरता पूर्वक लाठियां चलवाईं, ईंट पत्थर बरसवाए, वह कोई आतंकवादी नहीं बल्कि दिल्ली के ही लोग हैं, दिल्ली के व्यापारी हैं.
आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि राजनीतिक नुकसान से बचने के लिए भाजपा ने दिल्ली सरकार के ऊपर आरोप लगाया है. सफाई देते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र के शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह स्वीकार किया है कि इन मार्केटों का स्थानांतरण किया जाना था. एनजीटी ने इन मार्केटों के स्थानांतरण का आदेश जारी किया था, तो स्थानांतरण के लिए जमीन देने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, क्यों नहीं डीडीए ने स्थानांतरण के लिए जमीन दी?
मनीष सिसोदिया ने तंज कसते हुए बीजेपी नेताओं से पूछा कि जब 2015 में एनजीटी इन मार्केटों के स्थानांतरण का आदेश जारी कर रहा था, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी कहां बैठकर मलाई चाट रहे थे, क्यों नहीं उन्होंने व्यापारियों के लिए आवाज उठाई, क्यों नहीं उन्होंने व्यापारियों के खिलाफ जारी किए जा रहे इस आदेश का विरोध किया?
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि दिल्ली की पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है, सारे अर्धसैनिक बल केंद्र सरकार के अधीन हैं, ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, डीएम की पोस्टिंग, एसडीएम की पोस्टिंग केंद्र सरकार करती है, दिल्ली के नगर निगम में डीसी की नियुक्ति केंद्र सरकार के अधीन है, एनजीटी केंद्र सरकार के अधीन है और इन सबके बावजूद भी कितनी बेशर्मी के साथ भाजपा कह रही है कि मायापुरी में रविवार के हादसे के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है.
डीडीए द्वारा पास किए गए एक आदेश का हवाला देते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि डीडीए ने अपने आदेश में साफ-साफ कहा है कि मास्टर प्लान के तहत मायापुरी की इन मार्केटों को स्थानांतरित करने के लिए कोई प्लान तैयार नहीं किया गया है. पीएम मोदी बताएं कि जब इन मार्केटों को स्थानांतरित करने के लिए कोई प्लान तैयार ही नहीं किया गया, तो किस आधार पर केंद्र सरकार शासित एनजीटी ने इन मार्केटों के स्थानांतरण का आदेश दिया.
उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज भाजपा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप मढ़ रही है कि यह सब उनकी वजह से हुआ है. हम केंद्र सरकार से कहना चाहते हैं कि दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी, दिल्ली पुलिस और जमीन का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दें फिर एक महीने के अंदर ऐसी व्यवस्था बनाएंगे कि कोई भी कोर्ट दिल्ली के व्यापारियों को उजाड़ने के लिए आदेश पास नहीं कर पाएगा.
उधर दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने बताया कि रविवार को मायापुरी में व्यापारियों के साथ जो बर्बरतापूर्ण कार्रवाई केंद्र सरकार द्वारा की गई, उसमें एमसीडी के अधिकारियों के साथ-साथ डीपीसीसी के अधिकारी भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि मैं पर्यावरण मंत्री हूं, लेकिन मुझे बिना बताए, बिना मेरी अनुमति लिए ये अधिकारी इस अमानवीय कार्रवाई में शामिल हुए.
इमरान हुसैन ने 'आजतक' से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली सरकार के अधिकारियों को प्रत्यक्ष रूप से आदेश दिए गए कि बिना मंत्रियों को संज्ञान में लिए यह सारी कार्रवाई की जाए. अधिकारियों ने ऐसा क्यों किया, किसके कहने पर किया और अधिकारियों ने मुझे कोई जानकारी क्यों नहीं दी?
फिलहाल पूरे मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को खत लिखकर मायापुरी में हुई कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग करने का दावा किया है. साथ ही पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने भी उपराज्यपाल से मायापुरी सीलिंग में शामिल डीपीसीसी के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उन सभी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने की अपील की है.
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