
Delhi MCD Election 2022: दिल्ली में एमसीडी इलेक्शन होने वाले हैं. राजनीतिक पार्टियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में आने वाले शाहदरा साउथ जोन की गांधीनगर विधानसभा सीट में शास्त्री पार्क, रघुवर पुरा, कांति नगर वार्ड आते हैं. आइए जानते हैं क्या है इन वार्ड का हाल-
शास्त्री पार्क वार्ड (E25)
शास्त्री पार्क वार्ड को गांधी नगर मार्किट के नाम से भी जाना जाता है. गांधी नगर मार्केट में लगभग 14 हजार दुकानदार हैं, जिनमें से 85 फीसदी दुकान इसी वार्ड के अंदर आती है. इसके अलावा तकरीबन 5 हजार छोटी-बड़ी कपड़े की फैक्ट्रियां हैं. इस वार्ड में रोजाना दिल्ली और आस-पास के पड़ोसी राज्यों से तकरीबन एक लाख कारोबारी रोज इस बाजार में आते हैं. जिस कारण यहां पार्किंग सबसे बड़ी समस्या है. इस मार्केट में सिर्फ एक छोटी सी पार्किंग है. जिसके चलते रोजाना हजारों गाड़ियां यहां आने वाले व्यापारियों को सड़कों पर मजबूरन खड़ी करनी पड़ती हैं.
क्या हैं मार्किट एसोसिएशन के मुद्दे?
गांधी नगर मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष के के बल्ली बताते हैं कि इस बार चुनावों में पार्किंग, टूटी सड़कें, सीवर, साफ-सफाई, दुकानदारों की दुकानों में आए दिन चोरी होने के अलावा ट्रैफिक सबसे बड़ा मुद्दा है. ना कोई नो एंट्री का समय, इसी कारण पूरा बाजार जाम से दिनभर जूझता रहता है. इस पर किसी भी सरकार ने कोई काम नहीं किया. चाहे वह एमसीडी हो या दिल्ली सरकार.
रघुवर पूरा वार्ड (E27)
गांधीनगर विधानसभा के अंतर्गत आने वाला रघुवर पुरा वार्ड इस वार्ड में लगभग गांधी नगर मार्केट का 15 फीसदी कारोबारी कारोबार करता है. इस वार्ड की पहचान यहां के निगम पार्षद श्याम सुंदर अग्रवाल से भी है. जो पूर्वी दिल्ली नगर निगम में मौजूदा मेयर हैं. इस वार्ड सीलिंग, साफ सफाई और रोड का चौड़ीकरण एक बड़ी समस्या है. इस वार्ड में तकरीबन डेढ़ किलोमीटर का एक रोड है, जिसका नाम सतनाम रोड है जिसका चौड़ीकरण होना है.
वार्ड को दिलाई अलग पहचान: मेयर
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल की मानें तो उन्होंने इस क्षेत्र में साफ सफाई पर खास जोर दिया है. कोरोना काल में घर-घर तक राशन पहुंचाना. निगम की प्राइमरी शिक्षा को बेहतर करने पर उन्होंने जोर दिया है. पहली बार इतिहास में निगम के प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को फ्लाइट केसरी दिल्ली से जयपुर भेजा गया. मेयर भी मानते हैं कि इस वार्ड में सीलिंग एक बड़ा मुद्दा रहा है. फैक्ट्रियों को सीलिंग कराना इसलिए भी इस इलाके में जरूरी था क्योंकि फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल कैंसर जैसी बीमारी को पैदा करता है जिसको रोकना भी एमसीडी की एक जिम्मेदारी है.
दुकान और मकान टूटने का है लोगों में डर
सतनाम रोड ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील खन्ना बताते हैं कि इस डेढ़ किलोमीटर के दायरे वाली सतनाम रोड में लगभग 1000 के आस-पास दुकान और मकान हैं. जिस पर साल 2018 से ही लगातार एमसीडी के बुलडोजर की तलवार लटक रही है, इस बार चुनावों में उनके वार्ड यह मुद्दा अहम रहने वाला है.
कांति नगर वार्ड (E26)
कांति नगर वार्ड भी 2017 में बीजेपी के पाले में आया था. महिला सीट होने के कारण कंचन महेश्वरी इस वार्ड में निगम चुनाव जीत कर आई थीं. इस वार्ड में पीने के पानी, जाम पड़े सीवर और टूटी सड़कें सबसे बड़ा मुद्दा है. इस बोर्ड के अंतर्गत आने वाले शंकर नगर इलाके के लोग बताते हैं कि पीने की पानी की इतनी समस्या है कि लोगों को पानी खरीद करके पीना पड़ता है जल बोर्ड कोई सुनवाई नहीं करता.
जानते हैं गांधीनगर विधानसभा क्षेत्र के बारे में
दिल्ली की सबसे प्रसिद्ध विधानसभा में से एक है. साल 1998 से 2013 तक इस विधानसभा में कांग्रेस का दबदबा रहा. कांग्रेस के कद्दावर नेता अरविंदर सिंह लवली इस विधानसभा से लगातार जीत हासिल की और शीला दीक्षित सरकार में मंत्री भी रहे. साल 2015 में आम आदमी पार्टी के अनिल बाजपेई ने इस विधानसभा में सेंध लगाई. लेकिन साल 2020 के विधानसभा चुनाव आते-आते अनिल वाजपेई ने भी आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया और यह विधानसभा कांग्रेस से 'आप' ओर फिर बीजेपी की सीट बन गई.