
Delhi MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया. इसमें दिल्ली के तीनों निगमों को एक करने का प्रावधान है. अगर यह विधयेक संसद से पास होता है तो दिल्ली में वार्ड्स की संख्या भी बदल जाएंगी. ऐसे में अभी मौजूदा समय में कालकाजी विधानसभा इलाके के अंतर्गत आने वाले तीन वार्ड्स के बारे में जानते हैं- ये वार्ड्स हैं श्रीनिवासपुरी (89एस), कालकाजी (90एस) और गोविंदपुरी (91एस).
फिलहाल, ये तीनों वार्ड दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के तहत आते हैं. इन वार्ड्स में सिख समुदाय की राजनीति का बोलबाला रहा है. हर वार्ड में 55 से 60 हजार मतदाता हैं. सिख कम्युनिटी के ज्यादा वोटर हैं, बाकी यह मिली-जुली आबादी वाला इलाका है.
श्रीनिवासपुरी (89एस)
कालकाजी विधानसभा इलाके का आखिरी वार्ड श्रीनिवासपुरी है. जहां इस्कॉन मंदिर, लॉटस टेंपल के साथ-साथ दिल्ली के पुराने गावों में शुमार गढ़ी गांव भी शामिल है. यहां गुर्जर आबादी के साथ मिले-जुले लोग रहते हैं. श्रीनिवासपुरी वार्ड से बीजेपी के राजपाल मौजूदा निगम पार्षद हैं. राजपाल इस समय साउथ एमसीडी के स्टेंडिंग कमेटी के चेयरमैन भी हैं यहां पार्किंग की एक बड़ी समस्या है.
कालकाजी वार्ड की पहचान कालकाजी मंदिर के नाम से होती है. यह वार्ड अपने नए-पुराने मार्केट्स और अच्छी रेजीडेंसियल सोसायटी के लिए भी जाना जाता है. यहां दिल्ली यूनिवर्सिटी के देशबंधु जैसे 2 से 3 कॉलेज भी स्थित हैं. इस वार्ड में सिख समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है.
यहां से दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत कालका की पत्नी मनप्रीत कौर मौजूदा निगम पार्षद हैं. हरमीत कालका बीजेपी-अकाली दल गठबंधन से कालकाजी विधानसभा से विधायक का चुनाव भी लड़ चुके हैं. 2013 में वह बीजेपी-अकाली गठबंधन की टिकट पर कालकाजी से विधायक भी चुने गए, लेकिन अगले विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. यहां पार्कों के रखरखाव को लेकर लोगों की बड़ी नाराजगी है.
कालकाजी मार्केट एसोसिएशन से जुड़े हुए व्यापारियों ने बताया कि अतिक्रमण की वजह से इस इलाके में ट्रैफिक जाम लग जाता है. उनकी मांग है कि मार्केट की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यहां एक और मल्टी लेवल पार्किंग बननी चाहिए.
गोविंदपुरी वार्ड में करीब 70 फीसदी आबादी स्लम-झुगियों में रहती है. यही वो आबादी है जो नेताओं के सिर पर निगम पार्षद का ताज पहनाती है. हालांकि, इस इलाके में डीडीए ने यहां के झुग्गी वालों के लिए फ्लैट भी तैयार किए हैं. लेकिन अभी तक इन फ्लैट्स का आवंटन झग्गियों में रहने वाले लोगों को नहीं किया गया है.
2017 के निगम चुनाव में यहां से कांग्रेस के चंद्र प्रकाश ने जीत हासिल की थी. साथ ही 2012 के निगम चुनाव में भी इस वार्ड से जीत चंद्र प्रकाश की ही हुई थी. लेकिन तब उनका पार्टी सिंबल जेडीयू का था. हालांकि, 2022 के चुनावी रण में चंद्र प्रकाश को भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दोनों के नेता मजबूती से चुनौती देने की तयारी कर रहे हैं.
गोविंद पुरी वार्ड की समस्याएं
गोविंदपुरी वार्ड की सबसे बड़ी समस्या साफ-सफाई और जाम की स्थित है जिससे लोग निजात पाना चाहते हैं. झुग्गी और रेजिडेंशियल फ्लैट्स में रहने वाले वोटर्स की समस्याएं एक कॉमन हैं-- वाटर लॉगिंग और ट्रैफिक जाम. स्थानीय लोगों का दावा है कि बारिश के दिनों में उनके घरों के अंदर पानी भर जाता है. साथ ही शुक्रवार के दिन, झुग्गियों और रेजिडेंशियल फ्लैट्स के बीच बनी सड़क पर कुछ लोगों की ओर से नमाज पढ़ने की वजह से दिन के वक्त यहां भारी जाम लग जाता है.