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MCD Election: लक्ष्मी नगर-शकरपुर-किशनकुंज-पांडव नगर वार्ड में कौन से मुद्दे बनेंगे चुनावी? जानें- ताजा हाल

Delhi MCD Election: पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के अंतर्गत आने वाली लक्ष्मी नगर विधानसभा के लक्ष्मी नगर वार्ड, शकरपुर वार्ड, किशनकुंज वार्ड और पांडव नगर वार्ड की क्या हैं समस्याएं. जानिए

दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022 (फाइल फोटो) दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022 (फाइल फोटो)
सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:41 PM IST
  • MCD इलेक्शन 2022, सियासी संग्राम तेज
  • किशन कुंज वार्ड में अतिक्रमण बना बड़ा मुद्दा
  • शकरपुर वार्ड में साफ-सफाई के मुद्दे का है जोर

Delhi MCD Election 2022: दिल्ली में एमसीडी चुनाव को लेकर सियासी संग्राम तेज है. सियासी दल चुनाव को लेकर रणनीतियां बनाने में जुटे हुए हैं. वहीं उनकी नजरें निगमों के एकीकरण पर भी टिकी हुई हैं. इस बीच आइए जानते हैं पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के अंतर्गत आने वाली लक्ष्मी नगर विधानसभा के लक्ष्मी नगर वार्ड, शकरपुर वार्ड, किशनकुंज वार्ड और पांडव नगर वार्ड की क्या हैं समस्याएं. यह इलाका आज भी शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे अशोक कुमार वालिया के नाम से जाना जाता है.

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किशन कुंज वार्ड (E13) 

किशन कुंज वार्ड में सबसे बड़ी समस्या सड़कों पर रेहड़ी-पटरी वालों का अतिक्रमण है. मेट्रो स्टेशन लक्ष्मी नगर की सर्विस रोड पर सुबह से लेकर शाम तक एमसीडी की मिलीभगत से पटरियां लगी हुई हैं. जो यहां रहने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी है यही नहीं इस वार्ड के अंतर्गत आने वाला ललिता पार्क में भी अतिक्रमण सबसे ज्यादा है. इसके अलावा साफ-सफाई और मेंटेनेंस भी मुद्दा है.

लक्ष्मी नगर वार्ड (E14)

लक्ष्मी नगर वार्ड की पहचान यहां की मार्केट से है. यहां लगने वाला बाजार साउथ दिल्ली के सरोजनी नगर मार्केट को भी फेल करते हैं. नोएडा से भी लोग इस मार्केट में शॉपिंग करने के लिए आते हैं. इस मार्केट में अतिक्रमण सबसे बड़ा मुद्दा है. 2018 में सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने इस मार्केट में जो बुलडोजर चलाया उसको आज भी यहां की जनता नहीं भूली है. अब एमसीडी की मिलीभगत से फिर इस इलाके में दुकानदारों-पटरी लगाने वाले लोगों का अतिक्रमण बढ़ गया है.

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विकास मार्क ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राज गर्ग के मुताबिक पिछले 5 सालों में एमसीडी ने इस बड़े बाजार के लिए कोई पार्किंग की व्यवस्था नहीं की. सड़कों पर लोग अपनी गाड़ियां खड़ी कर देते हैं. एमसीडी उनकी गाड़ियों को उठा कर ले जाती है. बाद में 5 हजार से 8 हजार का जुर्माना गाड़ी वालों से वसूला जाता है लेकिन इस पैसे से पिछले 5 सालों में कोई पार्किंग की व्यवस्था नहीं हुई, जो सबसे बड़ा मुद्दा है.

शकरपुर वार्ड (E15)

शकरपुर वार्ड में भी साफ-सफाई बड़ा मुद्दा है. यमुना किनारे बसे इस वार्ड में सड़कों का अतिक्रमण से लेकर साफ-सफाई, पार्किंग, रखरखाव मुद्दा है. शकरपुर वार्ड के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष चंदन की मानें तो पिछले 5 सालों में सड़कों पर अतिक्रमण तेजी से बढ़ा है और जो काम 5 साल पहले यहां हुए थे. उनकी मेंटेनेंस पर कोई काम नहीं हुआ है. लोगों के घरों में पार्किंग बनी तो है लेकिन आज भी लोग सड़कों पर गाड़ी खड़ी करते हैं जिसके कारण हर वक्त जाम लगा रहता है. 

पांडव नगर वार्ड (E16)

इस वार्ड में रहने वाले लोगों के मुताबिक यहां कोई ज्यादा खास परेशानियां नहीं है. चुनाव आए हैं, तो सड़कें बनती हुई नजर आ रही हैं. बीते 5 सालों में यहां सड़कें नहीं बनी थीं. पानी और बिजली की परेशानी इस इलाके में नहीं है. ट्रैफिक की परेशानी इस इलाके में जरूर है. अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन से लगे इस इलाके में ट्रैफिक ज्यादा रहता है.

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लक्ष्मी नगर विधानसभा यूं तो 1993 से लेकर 2013 तक कांग्रेस का गढ़ रहा. कांग्रेस नेता अशोक कुमार वालिया 15 साल इस इलाके से मंत्री रहे जिन्होंने विकास मार्ग आईटीओ तक का नक्शा बदल दिया. 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में पूर्वी दिल्ली के इस इलाके का जितना विकास हुआ उतना किसी भी विधानसभा का नहीं हुआ. 2013 के चुनावों में यह सीट आम आदमी पार्टी के पाले में चली गई. 2020 से यह सीट बीजेपी के पास आ गई. लेकिन पिछले 10 सालों से निगम के इन चारों वार्डों पर बीजेपी का कब्जा ही है. 

 

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