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दिल्ली: 'MCD के एकीकरण से फायदा, भला नहीं चाहते केजरीवाल', निगम चुनाव पर बोलीं मीनाक्षी लेखी

Delhi MCD Election: दिल्ली एमसीडी चुनाव के एकीकरण मसले पर बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला किया. मीनाक्षी लेखी का कहना है कि एमसीडी के एकीकरण से दिल्ली को फायदा होगा. अरविंद केजरीवाल दिल्ली का भला नहीं चाहते हैं.

बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी (फाइल फोटो) बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी (फाइल फोटो)
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 1:54 PM IST
  • 'MCD के एकीकरण से दिल्ली का फायदा'
  • 'चुनाव कहीं भी हो, हमेशा तैयार रहती BJP'
  • 'अच्छे-अच्छों से नहीं डरते, इनसे क्या डरेंगे'

Delhi MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों की तारीख का ऐलान जैसे ही टला वैसे ही दिल्ली में सियासी भूचाल आ गया. आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर चुनाव से डरने का आरोप लगा दिया. दरअसल एमसीडी के एकीकरण पर केंद्र सरकार विचार कर रही है. इसी कारण एमसीडी चुनावों की तारीख का ऐलान टल गया. हालांकि बीजेपी ने AAP के आरोपों पर तीखा पलटवार किया है. 

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'हम अच्छे-अच्छों से नहीं डरते, इनसे क्या...'

बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने एएपी पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने कहा, 'आम आदमी पार्टी हर वार्ड में 4-4 ठेके खोल रही है. चार कंपनियों को एक्साइज डिपार्टमेंट ने नोटिस भी भेजा है. शराब बेचने को लेकर और संवैधानिक प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं'. साथ ही मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'हमने कश्मीर से 370 खत्म कर दिया, हम अच्छे-अच्छों से नहीं डरते, इनसे क्या डरेंगे. कहीं भी चुनाव हो बीजेपी हमेशा तैयार है,

मीनाक्षी ने केजरीवाल पर दागे सवाल

एमसीडी एकीकरण मसले पर मीनाक्षी लेखी ने सीएम अरविंद केजरीवाल पर ही सवालों की बौछार कर दी. मीनाक्षी ने पूछा कि क्या केजरवील एमसीडी और दिल्ली की बेहतरी नहीं चाहते हैं. एमसीडी को बजट का 20 प्रतिशत देने का वादा किया था, क्यों नहीं देते.'

उन्होंने दावा किया, 'एमसीडी के रि-यूनिफिकेशन से दिल्ली को फायदा होगा. एक कॉर्पोरेशन का सरप्लस फंड दूसरे के काम आएगा, इनको हर वार्ड में शराब बेचनी है. कानूनों का उल्लंघन करना है. क्यों नहीं चाहते ये दिल्ली का भला हो.'

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पिछले चुनाव में किसने जीतीं कितनी सीटें?

दिल्ली में पिछले एमसीडी चुनावों में, बीजेपी ने एक प्रभावशाली जीत दर्ज की, तीन निगमों में 272 वार्डों में से 181 जीतकर सत्ता में वापसी की. पार्टी की सबसे करीबी प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी (एएपी) ने केवल 49 वार्डों में जीत हासिल की. जबकि कांग्रेस ने चुनाव में 31 वार्डों में जीत हासिल की. निर्दलीय ने उत्तरी दिल्ली में तीन, दक्षिणी दिल्ली में चार और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में एक वार्ड में जीत हासिल की.

 

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