
बकाया सैलरी की मांग को लेकर एमसीडी (MCD) के कर्मचारियों ने आगामी 7 जनवरी से हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है. कन्फेडरेशन ऑफ एमसीडी एम्प्लायज यूनियन के अध्यक्ष एपी खान का कहना है कि डॉक्टर्स के कुछ ग्रुप को छोड़ कर सफाईकर्मी, फ़ोर्थ क्लास के सारे कर्मी, सारे टीचर, नर्सेज, पैरामेडिकल, इंजीनियर्स, मिनीस्टीरियल स्टाफ इस हड़ताल में शामिल रहेंगे. पूरी तरह से पेन डाउन रहेगा.
एपी खान ने आगे बताया कि एडमिनिस्ट्रेशन के साथ हुई हालिया मीटिंग में यूनियन ने 4 मुद्दों पर बात की. जिसमें, बकाया सैलरी और पेंशन तय वक्त पर मिले, सैलरी देने में पिक एंड चूज ना हो, बल्कि सभी को एक साथ सैलरी मिले. मस्टररोल और कांट्रेक्ट पर रहे कर्मचारियों का नियमितीकरण के लिए ना केवल नीति बने बल्कि उसे दिल्ली सरकार से पास भी करवाई जाए.
यूनियन का मानना है कि सैलरी संकट के पीछे समस्या का मूल कारण एमसीडी का तीन का तीन भागों में बंटना है, इससे एक्सट्रा खर्चा आ गया है. ऐसे में 2012 से पहले वाली स्थिति में करते हुए एमसीडी को तीन के बजाय एक कर दिया जाए.
नगर निगम शिक्षक संघ की वरिष्ठ उप प्रधान विभा सिंह ने कहा कि, "उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बीते 7 महीने से वेतन-पेंशन नही मिला है, जिस कारण से हड़ताल करना ही अंतिम रास्ता है. डीडीएमए एक्ट लगे होने की वजह से हम टुकड़ों में पूरी स्ट्राइक करेंगे, जिसकी शुरुआत राज्यपाल हाउस से होगी और सारे काम बंद रहेंगे. सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात का है कि कोरोना में टीचर्स ने फ्रंट लाइन काम किया, लेकिन बकाया सैलरी देने के वक्त उन्हे अलग रखा गया."
बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण पर होगा बड़ा संकट
गौरतलब ही कि सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण में बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. एमसीडी सफाई यूनियनों के नेता का कहना है कि फंड ना होने के चलते कई महीनों से सफाई कर्मचारियों का वेतन बकाया है, लिहाजा वो कभी भी हड़ताल पर जा सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो दिल्ली में सफाई व्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
आंकड़े के मुताबिक, नार्थ दिल्ली में तकरीबन 25,758 सफाई कर्मचारियों में से 13,476 नियमित हैं. 12 हज़ार से अधिक कर्मचारी नियमित नहीं हैं. आपको बता दें कि बीते दिनों एमसीडी के तीनों मेयर हड़ताल पर बैठे और मांग थी कि एमसीडी के 13 हज़ार की रकम को दिल्ली सरकार रिलीज़ करे.
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