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DMA की धमकी- मैक्स को नहीं मिली राहत, तो सोमवार से ठप कर देंगे सेवाएं

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ( DMA) के अध्यक्ष डॉक्टर विजय मल्होत्रा ने कहा कि अगर अस्पताल के लाइसेंस रद्द करने के फैसले को वापस नहीं लिया जाता है, तो हम पूरी दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर देंगे.

तस्वीरः maxhealthcare.in तस्वीरः maxhealthcare.in
मणिदीप शर्मा/राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:16 PM IST

दिल्ली की केजरीवाल सरकार की ओर से मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द करने के बाद दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) बौखला गया है और स्वास्थ्य सेवाएं ठप करने की धमकी दी है. DMA के अध्यक्ष डॉक्टर विजय मल्होत्रा ने कहा कि अगर अस्पताल के लाइसेंस रद्द करने के फैसले को वापस नहीं लिया जाता है, तो हम पूरी दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर देंगे.

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मल्होत्रा ने कहा कि आगामी सोमवार या मंगलवार से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पूरी तरह मेडिकल सेवा ठप कर दी जाएगी. उन्होंने दलील दी कि डॉक्टर्स इस माहौल में घुटन महसूस कर रहे हैं. डॉक्टर्स के किसी भी इंसिडेंट को बहुत बड़ा बना दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी मांग की कि ऐसी बयानबाजी बंद की जानी चाहिए कि डॉक्टर ने मर्डर किया है. मल्होत्रा ने कहा कि मैक्स हॉस्पिटल में जिस बच्चे को मृत घोषित किया गया, उसका जिंदा रहना बहुत मुश्किल था.

मैक्स हॉस्पिटल के खिलाफ केजरीवाल सरकार की कार्रवाई से तिलमिलाए DMA के अध्यक्ष ने कहा कि सारे सरकारी अस्पतालों के लाइसेंस भी रद्द हों, क्योंकि वहां कोई सुविधा नहीं है. आम आदमी को लग रहा है  कि डॉक्टर अपराधी है. उन्होंने कहा कि मैक्स हॉस्पिटल ने जिस बच्चे को मृत घोषित किया, वो 20 से 22 हफ्ते का था. ऐसे में उसका बचना बिल्कुल नामुमकिन था. हमारा कोर्ट 20 हफ्ते के बच्चे के एबॉर्शन की इजाजत देता है. कुछ स्थिति में 24 हफ्ते भी हो जाते हैं.

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मल्होत्रा ने कहा कि 25 हफ्ते का बच्चा अगर बच भी कर जाए, तो जीवनभर सामान्य नहीं रहेगा. उन्होंने सवाल किया कि क्या मैक्स अस्पताल में सिर्फ दो ही डॉक्टर काम करते थे? सरकार ने पॉपुलिस्ट स्टेटमेंट के चलते 1,000 परिवारों को भूखा मरने पर मजबूर कर दिया. सरकारी अस्पताल में इतना इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर है कि 6-6 महीने तक तारीख नहीं मिलती है. हम मैक्स हॉस्पिटल के लाइसेंस को रद्द करने के केजरीवाल सरकार के कदम का पुरजोर विरोध करते हैं.

क्या था मामला?

30 नवंबर को मैक्स हॉस्पिटल में एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था. इनमें एक लड़का था और दूसरी लड़की. परिवार वालों ने बताया कि डिलीवरी के साथ ही बच्ची की मौत हो गई थी. डॉक्टरों ने दूसरे जीवित बचे बच्चे का इलाज शुरू कर दिया था, लेकिन एक घंटे बाद अस्पताल ने दूसरे बच्चे को भी मृत घोषित कर दिया था.

इसके बाद अस्पताल ने दोनों बच्चों की डेड बॉडी को प्लास्टिक में पैक करके परिजनों को सौंप दिया. दोनों बच्चों की डेड बॉडी लेकर परिजन लौट रहे थे. दोनों पार्सलों को महिला के पिता ने ले रखा था. रास्ते में उन्हें एक पार्सल में हलचल महसूस हुई. उन्होंने तुरंत उस पार्सल को फाड़ा, तो अंदर बच्चा जीवित मिला. इसके बाद उसको दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई. मामला सामने आने के बाद केजरीवाल सरकार ने मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर दिया.

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