
दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर की होर्डिंग के मामले में बीजेपी सांसद गौतम गम्भीर, आप विधायक प्रवीण कुमार और आप विधायक प्रीति तोमर की इंकाव्यरी रिपोर्ट को क्राइम ब्रांच आज डॉयरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ को सौंपेगी. पिछले दिनों ही दिल्ली हाई कोर्ट ने इन तीनों नेताओं के मामले की जांच ड्रग कंट्रोलर को करने का आदेश दिया था.
आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर जिन 16 जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोगों की कोविड में जरुरी मदद मेडिकल उपकरण बांटने की इंकाव्यरी क्राइम ब्रांच कर रही थी, उन्ही 16 लोगों में से इन तीन लोगों के मामले की जांच अब डॉयरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ दिल्ली सरकार करेगी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन और दवाओं का स्टॉक करने को लेकर ड्रग कंट्रोलर को तीन नेताओं के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया था. इसमें बीजेपी के सांसद गौतम गंभीर और आम आदमी पार्टी के दो विधायक प्रीति तोमर और प्रवीण कुमार शामिल हैं. कोर्ट ने कहा है कि जांच करके बताएं कि किस धारा के तहत किस पर क्या मामला चलाया जा सकता है.
आरोप है कि बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कोरोना से संबंधित दवाइयां अपने संसदीय इलाके के लोगों में बांटी. कोर्ट ने कहा कि भले ही उन्होंने लोगों की मदद के लिए किया हो लेकिन इस तरह दवाओं की होल्डिंग गैर कानूनी है. आप विधायक प्रीति तोमर और प्रवीण कुमार पर आरोप है कि उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर्स की होल्डिंग अपने घर में की.
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में 1 हफ्ते के भीतर ड्रग कंट्रोलर को अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 31 मई को दोबारा करेगा. कोर्ट ने कहा कि नेता इस मामले में दोषी हैं या नहीं, हम फिलहाल इसमें नहीं जा रहे हैं बल्कि हम यह जानना चाहते हैं कि नेताओं ने फैबिफ्लू दवाई से लेकर ऑक्सीजन के सिलेंडर तक कहां से हासिल किए.