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महिलाओं के फ्री सफर से पहले से मेट्रो में लगे बधाई के विज्ञापन

केजरीवाल सरकार की योजना महिलाओं के लिए मुफ्त में मेट्रो-बस के सफर की शुरुआत भले ही नहीं हो पाई हो, लेकिन इसके एडवरटाइजिंग मेट्रो के अंदर जरूर नजर आने लगे हैं. इसे लेकर बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने नाराजगी जाहिर की है. साथ ही दिल्ली के उप राज्यपाल से इस पूरे मामले में जांच समिति गठित करने की मांग की है.

दिल्ली मेट्रो दिल्ली मेट्रो
अंकित यादव
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2019,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST

दिल्ली में भले ही अभी तक केजरीवाल सरकार की महत्वपूर्ण योजना महिलाओं के लिए मुफ्त में मेट्रो और बस के सफर की शुरुआत नहीं हो पाई हो, लेकिन इसके एडवरटाइजिंग मेट्रो के अंदर जरूर नजर आने लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.

विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के उप राज्यपाल से इस पूरे मामले में जांच समिति गठित करने की मांग की है. विजेंद्र के मुताबिक, केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है.

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दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने प्रेस रिलीज जारी कर केजरीवाल सरकार द्वारा महिलाओं के लिए दिल्ली मेट्रो व डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा के नाम पर चलाए जा रहे विज्ञापनों की जांच के लिए एक समिति गठन करने की मांग की है, जो तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपे कि कहीं ये विज्ञापन दिल्ली सरकार के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों का उलंघन तो नहीं करते.

मैट्रोमैन की सलाह का मजाक...

गुप्ता ने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर दिल्ली मेट्रो व डीटीसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा के प्रचार पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च करने का आरोप लगाया. विजेंद्र के मुताबिक केजरीवाल ने मैट्रोमैन ई श्रीधरन द्वारा दी गई सलाह का भी मजाक उड़ाया.

विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक, केजरीवाल आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनैतिक लाभ लेने के लिए इतनी जल्दी में थे कि उन्होंने केंद्र को अनिवार्य प्रस्ताव भेजे बिना व केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से बिना परामर्श किए प्रस्तावित योजना पर विज्ञापन ब्लिट्ज जारी रखे हुए हैं.

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दिल्ली सरकार व केंद्र बराबर के भागीदार

गुप्ता का कहना है कि यह विज्ञापन महिलाओं के लिए प्रस्तावित मुफ्त यात्रा योजना के बिना किसी गंभीर तकनीकी व्यवहारिकता के अध्यन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और इस बात को नजर अंदाज कर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार मेट्रो चलाने में लाभ और हानि दोनों में बराबर के भागीदार है. विजेंद्र के मुताबिक यह विज्ञापन ब्लिट्ज दिल्ली मेट्रो, डीटीसी बस स्टैंडों व आउटडोर तथा इनडोर विज्ञापन के सभी रूपों में चलाया जा रहा है. ये विज्ञापन सावर्जनिक निधि की आपराधिक लूट है जिसके लिए केजरीवाल सरकार के अपने ही विभागों द्वारा न तो पूरी तरह से अध्ययन किया गया है और न ही अनमोदित.

विजेंद्र के मुताबिक, मुख्यमंत्री केजरीवाल से इस सावर्जनिक धन की बर्बादी को रोकने के लिए कहा है. एक तरफ केजरीवाल केंद्रीय वित्तमंत्री से मिलकर अतिरिक्त धन के लिए भीख मांग रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ वे कीमती सरकारी खजाने को बर्बाद करने में लगे हैं.

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