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यमुना पर बन रहा दिल्ली मेट्रो का 5वां पुल, सिग्नेचर ब्रिज की तरह होगा आइकॉनिक, जानें कब तक होगा पूरा

यमुना पर नया पुल दो मौजूदा पुलों – वजीराबाद पुल और सिग्नेचर ब्रिज के बीच बनाया जा रहा है. यह पुल पिंक लाइन के सूरघाट और सोनिया विहार स्टेशन को जोड़ेगा. डीएमआरसी ने कहा, यह कैंटिलीवर निर्माण विधि का उपयोग करके बनाया जाने वाला यमुना पर पहला मेट्रो पुल होगा.

Delhi Metro (File Photo) Delhi Metro (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने बताय कि कैंटिलीवर निर्माण तकनीक का उपयोग करके यमुना पर बनाए जा रहे पहले मेट्रो पुल के एक हिस्से का निर्माण पूरा हो चुका है और सितंबर तक इसके पूरा होने की उम्मीद है. यह पुल यमुना पर पांचवां मेट्रो पुल है और इसका निर्माण दिल्ली मेट्रो की चल रही चौथी परियोजना के तहत किया जा रहा है. कुमार ने कहा कि यह अत्याधुनिक पुल सिग्नेचर ब्रिज के समान ‘दिखने में आकर्षक’ होगा. 

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जुलाई में यमुना का जलस्तर बढ़ने पर निर्माणाधीन पुल का काम कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया था. लेकिन अब इसका लगभग 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. यह पुल 290 मीटर के दो हिस्सों में है, इसकी कुल लंबाई 580 मीटर है. इसके एक हिस्से का काम पूरा हो गया है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने पुल का कार्य 2020 में शुरू किया था, जो मेट्रो के चौथे चरण के तहत बनाए जा रहे मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडॉर का हिस्सा है. यमुना पर नया पुल दो मौजूदा पुलों – वजीराबाद पुल और सिग्नेचर ब्रिज के बीच बनाया जा रहा है. यह पुल पिंक लाइन के सूरघाट और सोनिया विहार स्टेशन को जोड़ेगा. डीएमआरसी ने कहा, ‘‘यह कैंटिलीवर निर्माण विधि का उपयोग करके बनाया जाने वाला यमुना पर पहला मेट्रो पुल होगा.’’ 

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सिग्नेचर ब्रिज वजीराबाद को शहर के अंदरूनी हिस्सों से जोड़ता है. यह भारत का पहला एसिमेट्रिकल केबल-स्टे ब्रिज" है. इसके पिलर दिल्ली के सबसे लंबे स्ट्रक्चर वाले पिलर हैं. ये कुतुब मीनार से दोगुने लंबे हैं. पुल में 154 मीटर की ऊंचाई पर एक व्यूइंग बॉक्स है जो सेल्फी प्वाइंट के रूप में काम करता है. उत्तर पूर्व जिले की वेबसाइट के अनुसार, यह उत्तर और उत्तर-पूर्व दिल्ली के बीच यात्रा के समय को कम करता है.

डीएमआरसी ने कहा कि इस परियोजना की योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने में कई चुनौतियां आई हैं. बरसात के मौसम को देखते हुए हमने ज्यादातर काम समय पर कर लिया. हालांकि, कुछ चीजें थीं जो पीछे रह गईं, इसलिए हमें (हाल ही में) बाढ़ के दौरान काम रोकना पड़ा. इस के चलते काम में देरी हुई. बाधा ना होने पर इस पुल का निर्माण बहुत पहले किया जा सकता था.’’ बता दें कि जुलाई में यमुना खतरे के निशान को पार कर गई थी, जिससे 1978 का सर्वकालिक रिकॉर्ड टूट गया था और इसके किनारे के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई थी. अब सितंबर 2024 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है. कुमार ने कहा कि मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर - पिंक लाइन का विस्तार - मार्च 2025 तक खोलने की योजना है. 

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