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दिल्ली: विधानसभा कमेटी के सामने AAP के बागी विधायकों की पेशी

दोनों विधायकों के वकीलों ने विधानसभा कमेटी के सामने जिरह करते हुए स्पीकर रामनिवास गोयल की भूमिका पर सवाल खड़े किए. वकीलों ने कहा कि इस मामले को तटस्थ तरीके से देखा जाए. 2 घंटे चली जिरह के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया, मामले की अगली सुनवाई अब 9 जुलाई को होगी.

विधानसभा में पेशी के लिए जाते विधायक (फोटो-आजतक) विधानसभा में पेशी के लिए जाते विधायक (फोटो-आजतक)
मणिदीप शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 2:11 AM IST

आम आदमी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए विधायक अनिल बाजपेई और देवेंद्र सहरावत ने गुरुवार को विधानसभा कमेटी के सामने अपने पक्ष रखे.  AAP छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए इन विधायकों को स्पीकर ने नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न विधानसभा से उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाए. दोनों विधायकों ने गुरुवार को अपने वकीलों की फौज के साथ विधानसभा में अपना जवाब दाखिल किया.

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दोनों विधायकों के वकीलों ने विधानसभा कमेटी के सामने जिरह करते हुए स्पीकर रामनिवास गोयल की भूमिका पर सवाल खड़े किए. वकीलों ने कहा कि इस मामले को तटस्थ तरीके से देखा जाए. 2 घंटे चली जिरह के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया, मामले की अगली सुनवाई अब 9 जुलाई को होगी.

दोनों विधायकों ने बाद में कहा कि विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल की जगह कोई निष्पक्ष पीठ इस मामले की सुनवाई करे. विधायकों ने दोहराया कि स्पीकर खुद भी आम आदमी पार्टी के राजनीतिक कार्यकर्ता हैं ऐसे में उन्हें इस मामले में सुनवाई का कोई हक नहीं है. विधायक देवेंद्र सहरावत ने केजरीवाल सरकार को लोकतंत्र की सबसे विचित्र सरकार बताते हुए कहा कि यह लोग जब स्वयं चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं तो ऐसे में इन्हें अपने स्पीकर की भूमिका पर भी विचार करना चाहिए.

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बता दें कि आप विधायक सौरभ भारद्वाज की शिकायत पर विधानसभा दोनों विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए सुनवाई कर रही है. अब इन दोनों विधायकों द्वारा स्पीकर की भूमिका पर सवाल खड़ा करना मामले को और भी ज्यादा पेचीदा बना रहा है. अब 9 जुलाई को सुनवाई होगी तब तय होगा कि आप के इन बागी विधायकों की सदस्यता रहती है या जाती है.

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