
यूपी की तर्ज पर अब राजधानी दिल्ली में भी गांव के नाम बदलने की राजनीति तेज हो गई है. दिल्ली बीजेपी ने दिल्ली के 40 गांव के नाम बदले जाने की कवायद तेज कर दी है. हाल ही में भाजपा ने साउथ दिल्ली के मोहम्मदपुर गांव का नाम माधवपुरम कर दिया. पार्टी के कुछ लोगों दवारा गांव में जाकर माधवपुरम नाम से बोर्ड भी लगा दिया गया है. पार्टी गांव में जाकर नाम बदले जाने को लेकर गांव में रहने वाले लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं.
क्या कहते हैं माधवपुर गांव के लोग
माधवपुर गांव में रहने वाले लोगों का मानना है कि बीजेपी द्वारा उठाया गया यह कदम काफी अच्छा है. वर्षों से उनकी यह मांग रही कि इस गांव का नाम मोहम्मदपुर की जगह माधवपुर किया जाए जो अब हो गया है. हालांकि इस गांव में मुस्लिम आबादी काफी कम है और यहां रहने वाले मुस्लिम परिवार को मोहम्मदपुर का नाम बदलकर माधवपुर किए जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता..
हसनपुर गांव का नाम भी बदलने की मांग
पूर्वी दिल्ली के हसनपुर गांव का नाम भी नाम बदले जाना बीजेपी की लिस्ट में शामिल है. आजतक की टीम में हसनपुर गांव के लोगों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि गांव में महज 60 परिवार रहते हैं और सारे परिवार हिंदू हैं. इसके अलावा इस गांव को हसनपुर आईपी एक्सटेंशन के नाम से जाना जाता है. तो क्यों ना इसका नाम हसनपुर की जगह इंद्रप्रस्थ किया जाए. ताकि इसको एक अलग पहचान मिले. लोगों ने कहा कि नाम बदले जाने को लेकर उन्होंने कई बार इलाके की नेताओं को पत्र लिखा है और अब नाम बदला जा रहा है तो यह अच्छी शुरुआत है. हालांकि इलाके के लोगों ने यह भी बताया कि उन्हें मुसलमानों से कोई बैर नहीं है.
नाम में क्या रखा है
साउथ दिल्ली के मालवीय नगर विधानसभा के अंतर्गत आने वाला अदह चीनी गांव काफी पुराना है. यहां रहने वाले महेश कहते हैं, नाम में क्या रखा है, काम होना चाहिए. उन्होंने कहा, इलाके से आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती विधायक हैं. लेकिन सब लोग राजनीति तो करने आ जाते हैं, लेकिन गांव में काम करने कोई नहीं आता. गांव में वर्षों से रहने वाले सौरव कहते हैं कि गांव की गलियां टूटी हुई हैं, कूड़ा कचरा हर जगह फैला रहता है. लेकिन लोग नाम बदलने की राजनीति कर रहे हैं जो सही नहीं है.
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