
पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए पथराव के विरोध में दिल्ली में मंगलवार को बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी पाकिस्तान उच्चायोग जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच नोकझोंक हुई. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है.
अभी हाल में पाकिस्तान में स्थित सिख समुदाय के पवित्रतम स्थलों में से एक गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर आक्रोशित मुस्लिमों की एक भीड़ ने पथराव किया. एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि मोहम्मद हसन के परिवार के नेतृत्व में एक भीड़ जुटी. हसन पर पहले एक सिख लड़की के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन व विवाह का आरोप लग चुका है.
लाहौर से 75 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब वह स्थान जहां सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में हुआ था. भारत में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, "इमरान खान से अपील है कि तत्काल इस मामले में दखल दें और गुरुद्वारा में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला जाए और ऐतिहासिक गुरुद्वारा को आक्रोशित भीड़ से बचाया जाए."
बता दें, ननकाना साहिब हमला 1955 के पंत-मिर्जा समझौते का उल्लंघन है. इसके तहत भारत और पाकिस्तान यह सुनिश्चित करने और हर संभव प्रयास करने के लिए बाध्य हैं कि वह ऐसे पूजा स्थलों की पवित्रता को संरक्षित रखें, जिनमें दोनों देशों के श्रद्धालु जाते हैं.
बाद में मीडिया ब्रीफिंग में सिख समुदाय की ओर से पाकिस्तान के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सतपाल सिंह ने सरकार से शांति बहाल करने के लिए गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा. एक आधिकारिक बयान में भारत ने पवित्र गुरुद्वारे पर हमले की कड़ी निंदा की. भारत ने पाकिस्तान से सिख समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया.