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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण लेवल को देखते हुए आज से कड़े नियम लागू, जानिए क्या-क्या हुआ बैन

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने बुधवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत 15 अक्टूबर से ईंधन से चलने वाले जनरेटर के उपयोग पर बैन लगा दिया है.

दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचा (फाइल फोटो-PTI) दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचा (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:12 AM IST
  • जनरेटर के इस्तेमाल पर लगा प्रतिबंध
  • दिल्ली में खतरनाक स्तर पर प्रदूषण

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने बुधवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत 15 अक्टूबर से ईंधन से चलने वाले जनरेटर के उपयोग पर बैन लगा दिया है. डीपीसीसी ने अपने आदेश में कहा कि 15 अक्टूबर से दिल्ली में डीजल, पेट्रोल या केरोसिन से चलने वाली सभी क्षमताओं के जनरेटर सेटों के संचालन पर रोक रहेगी.

गौरतलब है कि दिल्ली की हवा खतरनाक होती जा रही है. बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 276 था. देश की राजधानी पर धुंध की चादर छाई हुई है. मंगलवार को दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 300 के पार था, जो खतरनाक स्थिति में आता है. पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं के कारण दिल्ली में एक्यूआई लेवल बढ़ा है.

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पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) ने बुधवार को कहा कि हम किसी भी राज्य को कोई रियायत नहीं देने वाले हैं. EPCA के चेयरपर्सन भूरे लाल हैं. यह एक सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निकाय है, जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण नियंत्रण कार्य योजना के कार्यान्वयन की देखरेख का काम सौंपा गया है.

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इसका मतलब है कि गुरुवार से दिल्ली और पड़ोसी शहरों नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद में जनरेटर सेट की अनुमति नहीं दी जाएगा. अस्पतालों, लिफ्ट, हवाई अड्डों, रेलवे और दिल्ली मेट्रो सेवाओं जैसी आपातकालीन सेवाएं को छूट जी दी गई.

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप के तहत एक्यूआई स्तर बढ़ने पर और भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं. इनमें से ट्रकों पर प्रतिबंध, ऑड-इवन, निर्माण कार्य पर प्रतिबंध और स्कूलों को बंद करने की एक सलाह शामिल हैं.

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इस बीच दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को चिट्ठी लिखकर राष्ट्रीय राजधानी से 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित सभी 11 थर्मल पावर प्लांट को बंद करने का अनुरोध किया है. उनका कहना है कि थर्मल पावर प्लांट से सबसे अधिक प्रदूषण होता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद ये प्लांट अभी तक बंद नहीं हुए हैं.

 

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