
दिल्ली पर प्रदूषण का खतरा छाया हुआ है और सियासी लोग इसके लिए अब एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराने में जुटे हुए हैं. एनजीटी ने दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में छाए प्रदूषण के धुंध के लिए पड़ोसी राज्यों पर ठीकरा फोड़ दिया. लेकिन विपक्ष अरविंद केजरीवाल के इस आरोप से भड़क गया है और आरोप लगाया है कि केजरीवाल अपनी सरकार की नाकामी छुपाने के लिए पड़ोसी राज्यों पर लानत मलानत कर रहे हैं.
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि केजरीवाल सरकार डेढ़ साल से दिल्ली में सत्ता चला रही है और सिर्फ नौटंकी के अलवा प्रदूषण से निपटने के लिए कुछ भी नहीं किया गया. उन्होंने एनजीटी की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि पड़ोसी राज्यों में फसलों को जलाने से अगर प्रदूषण होता, तो उन राज्यों में भी होता. लेकिन वहां से ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया. यही नहीं, एनजीटी ने भी कहा है कि अभी तक पड़ोसी राज्यों का कोई प्रभाव दिल्ली में नहीं दिखा है, तो फिर केजरीवाल के आरोप सिर्फ अपनी नाकामी छुपाने के अलावा कुछ नहीं है.
उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली की सरकार सिर्फ बैठकें करती है और इसके अलावा जमीन पर प्रदूषण से निपटने के लिए कुछ भी नहीं किया गया. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने तो आरोप लगाया कि पिछले छह महीने में पर्यावरण के नाम पर आवंटित 78 करोड़ रुपये के बजट का महज 8 फीसदी ही सरकार खर्च कर पाई है और यह बात ये साबित करने के लिए काफी है कि सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कुछ भी नहीं किया है. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल और उनकी सरकार प्रदूषण के फैलने का इंतजार करते हैं और जब दिल्ली में प्रदूषण लोगों के लिए खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है, तब हल्ला मचाना शुरू कर देते हैं.
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के खेतों में फसलों में आग लगाए जाने के बाद फैला है. इससे बचने के लिए इन राज्यों में खेतों में आग लगाने की परंपरा बंद करने की ज़रूरत है और इसके लिए अगर ये राज्य सहयोग नहीं करेंगे, तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट से मदद लेनी पड़ेगी.