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स्कूली बच्चों के लिए बढ़ रहा खतरा, दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में फैल रही Hand, Foot और Mouth की बीमारियां

दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. इस वजह से कई स्कूलों के बच्चे ऑनलाइन क्लास करने को मजबूर हैं. स्कूली बच्चों के बीच तेजी से फैल रहे वायरल इन्फेक्शन को देखते हुए स्कूलों ने माता-पिता के लिए एडवाइजरी भी जारी की है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
कुमार कुणाल/अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:48 AM IST
  • डॉक्टर की सलाह, मां-बाप घबराएं नहीं
  • सामान्य लक्षण हैं, उपचार संभव है

दिल्ली में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है. वहीं दिल्ली-एनसीआर के कई स्कूलों में हाथ-पैर और मुंह की बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों के बीच इन बीमारियों का फैलाव तेजी से देखा जा रहा है. कई स्कूलों ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है, तो कई स्कूलों ने बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी है. 

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दिल्ली के कई नामी-गिरामी स्कूलों ने अपनी वेबसाइट पर इन बीमारियों की डिटेल शेयर की है. वहीं माता-पिता को इस बारे में चौकन्ना रहने के लिए भी कहा है. इन एडवाइजरी में लिखा है कि पिछले एक हफ्ते में जूनियर स्कूलों के बच्चों में हाथ-पैर और मुंह की बीमारियां रिपोर्ट की गई हैं. ये एक सामान्य लेकिन बहुत तेजी से फैलने वाला इन्फेक्शन है. ये मुख्य तौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों और शिशुओं पर असर डालती हैं. लेकिन, कई बार ये बड़े बच्चों और व्यस्कों को भी प्रभावित कर सकती हैं.

एडवाइजरी में कहा गया है कि ये बीमारियां संक्रमित व्यक्ति के स्लाविया या अन्य रिसाव, नाक और गले के डिस्चार्ज या संक्रमित वस्तुओं को छूने से फैल सकती हैं. इनका मुख्य कारण कॉक्ससैकीवायरस के स्ट्रेन हैं.

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संक्रमित लोगों में बुखार, खराब गला या गले में खराश, भूख ना लगना, मुंह के आसपास या हथेली, तलवों, हाथ और पैर में छाले हो सकते हैं. कई बार छाले Butt पर भी दिख सकते हैं. इस बीमारी का कोई स्पेशल इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों का इलाज किया जा सकता है. आम तौर पर इसके लक्षण 7 से 10 दिन में खत्म हो जाते हैं. 

एहतियात के तौर पर बच्चे बार-बार साबुन से हाथ धोएं. तौलिया, कम और अन्य वस्तुओं को शेयर करने से बचें. वहीं बच्चों के आसपास की जगह और इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं को सैनिटाइज करें. ऐसे बच्चों को हग करने या किस करने से बचें जो इस संक्रमण की चपेट में हो.

नोएडा के फेलिक्स हॉस्पिटल के एमडी डॉ. डी. के. गुप्ता ने इन बीमारियों के तेजी से बढ़ने की पुष्टि की है. साथ ही अभिभावकों से चिंतित नहीं होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि ये हर साल होता है. वह अपने यहां रोजाना ऐसे 4 से 10 मामले देख रहे हैं.

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