
दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी के तहत नवंबर से नई दुकानें खुलनी शुरू हो जाएंगी. नई पॉलिसी की वजह से दिल्ली सरकार को 10 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि बड़े स्तर पर 17 नवंबर से नई दुकानें खुलनी शुरू हो जाएंगी.
क्या है दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस बीच दिल्ली सरकार ने रेवेन्यू बढ़ाने के मकसद से नई एक्साइज पॉलिसी बनाई थी. 15 अप्रैल 2021 में नई एक्साइज पॉलिसी का एलान हुआ था. दिल्ली में एक्साइज रेवेन्यू की बड़े स्तर पर चोरी का अंदेशा था, जिसे रोकने के लिए कई कदम भी उठाए गए. दिल्ली में शराब की खपत के हिसाब से रेवेन्यू बेहद कम दर्ज हो रहा था. नई एक्साइज पॉलिसी के तहत एक्साइज की ड्यूटी एयर VAT में होने वाली चोरी को रोकने के लिए लाइसेंस फीस को अपनाया गया था.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि नई एक्साइज पॉलिसी से अगले 12 महीने में लगभग साढ़े 3 हजार करोड़ रेवेन्यू अधिक मिलेगा. दिल्ली में 2016 के बाद कोई नई शराब की दुकान नहीं खुली है. शराब दुकानों का पैटर्न ऐसा था कि एक निगम वार्ड में 10 दुकान तो दूसरे निगम वार्ड में एक भी दुकान नही थी. ऐसे में जहां दुकानें नही थी वहां अवैध दुकानें चल रही थीं. दिल्ली में 850 लीगल और करीब 2000 अवैध शराब की दुकान चल रही थीं. सख़्ती करते हुए अवैध शराब की 7 लाख बोतलें पकड़ी गई थीं. 1864 FIR दर्ज हुईं थीं और 1000 वाहन भी ज़ब्त किए गए थे. सख्ती के बावजूद शराब माफिया सक्रिय था और अवैध शराब बिक्री करता था.
क्या-क्या बदला दिखेगा?
आगे मनीष सिसोदिया ने कहा कि साल 2019-20 में एक्साइज से करीब 6400 करोड़ का रेवेन्यू हुआ था और उसके बजाय अब नई पॉलिसी से दिल्ली सरकार को 10 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलेगा. जो एक बड़ा जम्प होगा. आज बहुत फेयर बिडिंग हुई है. दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया है और लगभग सवा 200 बिड्स में से अधिकतम बिड्स वालों को मौका मिलेगा.
अब दिल्ली में शराब की बिक्री का अनुभव बदलेगा. अब सड़क के सामने शराब बिक्री की खिड़की नही खुलेगी. दुकान के अंदर काउंटर लगाना होगा और दुकान का एरिया 500 फ़ीट का होना अनिवार्य होगा. साथ ही सीसीटीवी की मॉनिटरिंग के अलावा खुले में शराब पीने वालों को रोकने की ज़िम्मेदारी शराब दुकान संचालक की होगी.
इसके अलावा डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि साल 2020-21 और 2021-22 में कोरोना की वजह से सरकार के रेवेन्यू पर असर हुआ है. साल 2020-21 में दिल्ली सरकार को अनुमानित बजट से 41% कम रेवेन्यू मिला है. इस वजह से सैलरी और कोरोना खर्च को छोड़कर बाकी खर्च रुके रहे. साल 2021-22 में अबतक का रेवेन्यू अनुमानित बजट से 23% कम है. ये एक चिंता की बात है.
अभी क्या समस्या है?
सिसोदिया ने कहा कि अगले साल से देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ दिल्ली को मिलने वाला GST मुआवजा भी बंद हो जाएगा. दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार द्वारा फाइनेंस कमीशन के तहत सेंट्रल टैक्स कलेक्शन में से दिल्ली को 42% शेयर नही दिया जाता है. जबकि केंद्र सरकार से दिल्ली को 325 करोड़ की ग्रांट ही मिलती है. आने वाले समय में बहुत कठिन समय रहेगा क्योंकि केंद्र सरकार से दिल्ली को कोई मदद नही मिलती है. साल 2021-22 में GST कलेक्शन 23% कम है. VAT कलेक्शन 25% कम है. एक्साइज का कलेक्शन 30% कम है.