
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का आपातकालीन स्तर पिछले 4 दिन से जारी है. उम्मीद है कि अगर शनिवार या रविवार को बारिश हुई तभी प्रदूषण का स्तर सुधर पाएगा. सीपीसीबी ने गुरूवार को प्रदूषण पर रोकथाम के उद्देश्य से बनी कमेटी की मीटिंग में पाया कि बीते दिनों से जब दिल्ली इमरजेंसी की हालत से गुजर रही है तब पीएम 10 के मुकाबले पीएम 2.5 का लेवल ज्यादा बढ़ा है. बीते 4 दिनों से इमरजेंसी जैसे हालात की वजह 31 और पहली तारीख को लगने वाले जाम बताए जा रहे हैं.
जाम की वजह से पेट्रोल-डीजल ज्यादा जले. पेट्रोल और डीजल से निकले धुएं का असर कम होने में समय लग सकता है. मौसम में तापमान और नमी कम होने से धुएं के साथ ये छोटे कण और भी फैल जाते हैं. इस वजह से प्रदूषण लंबे समय तक कायम रहता है. मौसम विभाग ने उम्मीद जताई है कि शनिवार को अच्छी बारिश होगी लिहाजा ये कण धुल जाएंगे और लोगों को पलूशन से निजात मिलेगी. यहां पर यूरोपीय देश डेनमार्क से सीख ली जा सकती है जहां हर शख्स के पास गाड़ी है फिर भी वहां 5 दिन लोग साइकल चलाते हैं, वहां हफ्ते के अंत में ही लोग गाड़ी चलाते हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक पलूशन से राहत मिलने में हफ्ते भर का भी वक्त लग सकता है. विभाग ने सलाह दी है कि ट्रैफिक सिग्नल पर इंजन बंद कर दें और गाड़ी कम से कम चलाएं. गाड़ियों की संख्या, सड़क पर होने वाले अतिक्रमण से गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो जाना भी प्रदूषण का एक बड़ा फैक्टर है. सुप्रीम कोर्ट की टास्क फोर्स के एक मेंबर ने नजफगढ़ के पास निलोठी में निरीक्षण के दौरान पाया कि लोग आग के साथ साथ कचरा भी जला रहे हैं. इस वजह से भी प्रदूषण में इजाफा हो रहा है. दिल्ली में ठंड में लोग जगह-जगह आग ताप रहे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक कचरे के जलने से पैदा होने वाला धुआं बेहद खतरनाक होता है. अगर सांस द्वारा ये धुआं फेपड़े में जाता है तो पीड़ित को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.