
दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बाहर डॉक्टरों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2019 के खिलाफ प्रदर्शन किया. डॉक्टरों ने यह विरोध-प्रदर्शन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर किया. आईएमए संशोधन विधेयक के कुछ प्रावधानों का विरोध कर रहा है. डॉक्टर धारा 32 का विरोध करते हुए इसे हटाने की मांग कर रहे हैं.
इस धारा के तहत नीम-हकीमी वैध हो जाएगी. आईएमए ने इसे लोगों की जान के लिए खतरनाक बताते हुए आज दिल्ली में आंदोलन का ऐलान किया था. आईएमए की ओर से जारी बयान में इसे लोकतंत्र, संघवाद और समान अवसर के संवैधानिक सिद्धांत का उल्लंघन करार देते हुए कहा था कि यह विधेयक रोगियों की सुरक्षा से समझौता करता है.
गौरतलब है कि आईएमए ने मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के डॉक्टर और छात्रों से इस विधेयक के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान करते हुए 29 जुलाई को ‘दिल्ली आंदोलन’ की घोषणा की थी. एसोसिएशन ने कहा था निर्माण भवन से जंतर मंतर तक मार्च निकाला जाएगा.
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को 17 जुलाई के दिन मंजूरी दे दी थी. विधेयक का मुख्य उद्देश्य मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के स्थान पर एक चिकित्सा आयोग स्थापित करना है. बताया जाता है कि इससे भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 निरस्त हो जाएगा. चिकित्सा आयोग निजी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 फीसदी सीटों के लिए सभी शुल्कों का नियमन करेगा. जिससे प्रवेश शुल्क में कमी की उम्मीद जताई जा रही है.