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दिल्ली में इस साल सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 36 हजार चालान कटे, लेकिन पिछली सीट के एक भी नहीं

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल कार की पिछली सीट बेल्ट नहीं पहनने पर एक भी चालान नहीं किया गया है, जबकि फ्रंट सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 36 हजार चालान किए गए हैं. पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, बीते साल पिछली सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 43 चालान किए गए थे, जबकि सामने की सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करने के लिए 62,190 चालान किए गए थे.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने इस साल कार की पीछे वाली सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करने पर किसी का चालान नहीं किया है, जबकि फ्रंट सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 36 हजार से ज्यादा चालान किए गए हैं. हालांकि बीते साल 43 लोगों को पिछली सीट बेल्ट नहीं लगाने पर पकड़ा गया था. मोटर वाहन अधिनियम में पीछे की सीट बेल्ट उपयोग नहीं करने वाले लोगों पर पैनल्टी लगाने का प्रावधान है. 

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कार से यात्रा करने वाले सभी यात्रियों चाहे आगे या पीछे बैठे हों, सीट बेल्ट अवश्य पहननी चाहिए. हाल ही में एक हादसे में कारोबारी साइरस मिस्त्री की मौत ने सुरक्षा बेल्ट की अनदेखी के जोखिमों को उजागर किया है. पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल 43 चालान जारी किए गए थे, जबकि सामने की सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करने के लिए 62,190 चालान किए गए थे. इस साल 31 अगस्त तक फ्रंट बेल्ट नहीं लगाने वालों की संख्या 36,084 थी, जबकि रियर बेल्ट नहीं लगाने के लिए किसी भी व्यक्ति को बुक नहीं किया गया था.   

साल 2019 में 5 लाख से ज्यादा हुए थे चालान 

बता दें कि साल 2019 में फ्रंट सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 5,08,707 लोगों का चालान हुआ था. वहीं साल 2020 में लॉकडाउन भी लगा था, उसके बाद भी 45,907 का चालान किया गया. इसी तरह साल 2021 में 62,190 और साल 2022 में अब तक 36,084 फ्रंट सीट बेल्ट नहीं पहनने की वजह से चालान किया जा चुका है. 

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ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल कमिश्नर एसएस यादव ने कहा कि सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले लोगों को बुक करने की संख्या कम हो सकती है, लेकिन हमारे पास एक योजना है. हम लोगों को जागरूक करने और पैनल्टी पर ध्यान केंद्रित करेंगे. उन्होंने कहा कि हम ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के साथ कार में लोगों की संख्या और सीट बेल्ट लगाने का रिकॉर्ड रखने के लिए एक सिस्टम बनाने के लिए चर्चा भी करेंगे.  

हेलमेट की तरह चलाएंगे जागरूकता अभियान 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फ्रंट सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करने पर अलार्म बीपिंग की विशेषता को रियर बेल्ट को शामिल करने के लिए विस्तारित किया जा सकता है. ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने कहा कि बच्चों को विशेष रूप से रियर बेल्ट का इस्तेमाल करना चाहिए. हेलमेट उपयोग पर अभियान के बारे में बताते हुए अधिकारी ने कहा कि हमने लोगों को हेलमेट पहनने की आवश्यकता के बारे में सिखाकर मामले दर्ज करना शुरू किए. इसी तरह सीट बेल्ट के लिए भी हम सोशल मीडिया और सड़कों पर जागरूकता अभियान चलाएंगे. बाद में हम मुकदमा दर्ज करना शुरू करेंगे.  

रियर बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माने का नियम 

अभी कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं है कि रियर बेल्ट का यूज नहीं करने पर पैनल्टी लगाई जा सकती है. एक व्यक्ति ने बताया कि मैं करीब 10 साल से गाड़ी चला रहा हूं, लेकिन कभी पीछे की सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं किया. मेरी ही तरह पिछली सीट पर ज्यादातर लोग सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करते हैं. ऐसे ही पहाड़गंज से पटेल चौक तक ड्राइविंग करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने इसके बारे में कभी नहीं सुना था. उन्होंने कहा कि मुझे ये नहीं पता था कि इसके लिए पैनल्टी लगाई जा सकती है.  

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93 फीसदी लोग नहीं करते रियर बेल्ट का उपयोग 

कार की सीट बेल्ट पर रिसर्च करने वाली संस्था ने बताया कि 2019 में एक रिसर्च की गई थी, जिसमें पता चला कि 93 फीसदी लोग पीछे की सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करते हैं. इसके साथ ही हाईवे पर हादसों के अध्ययन से पता चला कि 35 फीसदी मौतें पीछे की सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण हुईं. 

 

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